फ़ेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन या एफ़सीसी के चेयरमैन अजित पई के मुताबिक़ ख़्वावे और ज़ेडटीई जैसी चीनी कंपनियों के उत्पादों को अमरीकी सुरक्षा के लिए ख़तरनाक पाया गया है। चीनी सरकार इन कंपनियों की मदद से दूसरे देशों की ख़ुफ़िया जानकारी उपलब्ध करती है। अमरीकी नियामक संस्था एफ़सीसी के प्रमुख अजित पई से एक विशिष्ट न्यूज़ एजेंसी द्वारा पूछे गए सवालो पर कुछ इस तरह दिया जवाब।
ख़्वावे और ज़ेडटीई कंपनियों इस्तेमाल पर कहा –
मेरे नेतृत्व में हमने अमेरिका में टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वो हमें बताएं कि उनके नेटवर्क में ख़्वावे और ज़ेटीई का कितना सामान है। हमें अभी-अभी ये जानकारी मिली है. जब मैं आपसे बात कर रहा हूँ, मेरे दफ़्तर में लोग इस बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. मेरे पास जब जानकारी आएगी तब मैं इस सवाल पर अपनी सोच बना पाऊंगा, लेकिन दुर्भाग्य से अभी मैं इस बारे में कोई शुरुआती आकलन नहीं दे सकता।
5G स्ट्रैटजी पर साथ काम करने को बोले –
जैसे फ़रवरी में मैं भारत गए एक प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा था। मुझे ट्राई प्रमुख राम शर्मा, सेक्रटरी (अंशु)प्रकाश से मुलाकात का मौका मिल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से थोड़ी देर हुई मुलाकात में मैंने 5G स्ट्रैटजी पर साथ काम करने के महत्व पर बात की। भारत सरकार के साथ मेरी बातचीत हमेशा बेहद सकारात्मक रही है। दोनो लोकतंत्र हैं।और लंबे समय से दोस्त हैं। खासकर टेलीकॉम नीति को लेकर भारत और अमेरिका की साझा प्राथमिकताएं हैं और मुझे साथ काम करने में खुशी होगी। प्लेबैक आपके उपकरण पर नहीं हो पा रहा अमेरिका ने चीन की दो कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया है।
भारत में 59 चीनी ऐप्स पर पाबंदी पर बोले –
ये एक महत्वपूर्ण कदम है मैंने देखा कि दो दिन पहले ये आदेश दिया गया और ये दर्शाता है कि भारत में, दक्षिण एशिया में, पूरी दुनिया में चीन की टेक कंपनियों को लेकर,सामान बेचने वाली ऐसी कंपनियों को लेकर जिन पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का असर है, चिंता बढ़ रही है. खासकर ऐसे वक्त जब जब ये कम्युनिकेशन नेटवर्क और कंपनियां और प्लेटफॉर्म आपस में जुड़े हुए और राष्ट्रीय सीमाओं की परवाह नहीं करते. इसका आर्थिक असर होता है. ये सभी के लिए खतरा है. भारत सरकार के लिए ये खतरा है, भारत के लोगों के लिए ये खतरा है. ये प्रतिबंध आगे कैसे बढ़ता है, इसे हम बहुत गौर से देखेंगे, और हम ऐसे विषयों पर भविष्य में साथ काम करना चाहेंगे।
इन कंपनियों को अनुमति दिए जाने पर भारत जैसे देशों से आप क्या कहेंगे जहां 5G ट्रायल को लेकर बात हो रही है.5G अर्थव्यवस्था के बेहद महत्वपूर्ण पक्ष की बुनियाद होंगे, इसलिए ये ऐसा विषय है जिस पर हम जोखिम नहीं ले सकते, खासकर तब जब 5G अभी शुरुआती कदम आगे बढ़ा रहा है। ये वक्त है उन कदमों को उठाने का जिनसे कहीं ऐसा न हो कि आपके नेटवर्क में असुरक्षित सामान और सर्विसेज़ का इस्तेमाल हो जिन्हें बाद में हटाने और बदलने में भारी खर्च और वक्त लगे. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने साफ़ कर दिया है कि वो ऐसे हर मौके का फ़ायदा उठाना चाहेगी जिससे उसे सामरिक फ़ायदा हो। ये किसी भी देश के पक्ष में नहीं होगा – चाहे वो अमरीका हो, या अगर भारत।