Titanic: टाइटैनिक (Titanic) के बारे में आपने बहुत कुछ पढ़ा और सुना होगा। 15 अप्रैल 1992 टाइटैनिक जहाज डूबा था. दुनिया के सबसे बड़े जहाज कहे जाने वाले टाइटैनिक को डूबे करीब 112 साल हो गए हैं। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई. ऐसा कहा जाता था की ये जहाज कभी नहीं डूबेगा. लोगों को पता है कि इसका मलबा कहां है, लेकिन आज तक इस मलबे को समुद्र से बाहर नहीं निकाला जा सका है. आज हम आपको इस राज के बारे में बताने जा रहे हैं आखिरी क्यों आज तक टाइटैनिक के मलबे को बाहर क्यों नहीं निकाला जा सका.
क्यों नहीं निकाला जा सका Titanic जहाज?
टाइटैनिक (Titanic) के बारे में सारी जानकारी होने के बावजूद भी इसे कभी बाहर नहीं निकाला जा सका और समुद्र की गहराई अधिक होने के कारण यह आज भी समुद्र की गहराई में मौजूद है। दरअसल, टाइटैनिक समुद्र की इतनी गहराई तक पहुंच गया है कि वहां पहुंचने के बाद उसे वापस लाना किसी भी इंसान के लिए संभव नहीं है।
दरअसल, टाइटैनिक दो हिस्सों में टूट गया था और इसलिए उन्हें अलग-अलग बाहर निकालना संभव नहीं है। वैज्ञानिक भी अभी तक ऐसी हाईटेक पनडुब्बी नहीं बना पाए हैं जो इतने भारी जहाज को नष्ट कर सके। दूसरा कारण पानी का दबाव है, जिसने इस जहाज का वजन इतना बढ़ा दिया है कि इसे बाहर निकालना संभव नहीं है।
वैज्ञानिकों ने किए कई प्रयास
वैज्ञानिकों ने इस जहाज को बाहर निकालने के लिए कई उपाय सोचे, जैसे जहाज के अंदर बड़ी संख्या में पिंग-पोंग गेंदों को छोड़ना। हालाकिं, बाद में इस विचार को फ्लॉप घोषित कर दिया गया, क्योंकि ये गेंदें समुद्र की गहराई में जाते ही फट जाती थीं और बड़ी संख्या में इन गेंदों को वहां ले जाना संभव नहीं होता था।
फिर बाद में सोचा गया कि टाइटैनिक टाइटैनिक (Titanic) जहाज में बड़ी संख्या में गुब्बारे बांधे जाएंगे और फिर उनमें हीलियम गैस भरी जाएगी। हालाकिं, इस विचार को भी फ्लॉप घोषित कर दिया गया। क्योंकि वहां हीलियम गैस ले जाना संभव नहीं है और उन गुब्बारों में हीलियम गैस भरना भी असंभव था। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने कई तकनीकों के बारे में भी सोचा जो सफल नहीं हो सकी और इसलिए टाइटैनिक को बाहर निकालना लगभग असंभव माना जाता है।
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