बॉलीवुड के मशहूर धर्मपाजी यानि की धर्मेंद्र (Dharmendra) गुजरे जमाने के उन अभिनेताओं में से एक हैं, जिनकी हर फिल्म को देखने के लिए बॉक्स ऑफिस पर लाखों की भीड़ लगा करती थी। उनकी हर फिल्म रिलीज से पहले ही लोगों की जुबान पर छाई होती थी।
लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर काफी संघर्षों से भरा हुआ था। आज हम इस लेख के जरिये धर्मेंद्र (Dharmendra) की लाइफ से जुड़ा ही एक ऐसा ही किस्सा आपको बताएंगे।
इसबगोल के कारण Dharmendra की बिगड़ गई थी हालत
दरअसल बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि फिल्मों में शुरूआत से पहले ही उनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे और कभी – कभी ऐसा दिन भी होता था कि धर्मेंद्र (Dharmendra) को खाली पेट ही सोना पड़ता था। ऐसा ही एक दिन उनकी जिंदगी में इतना बुरा आया कि, उन्होंने अपनी भूख मिटाने के लिए इसबगोल का पूरा पैकेट खा लिया। जिसकी वजह से उनकी अगले दिन तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
धर्मेंद्र को डॉक्टर ने दी यह सलाह
अस्पताल में भर्ती होने के बाद कुछ दिनों में जब धर्मेंद्र (Dharmendra) ठीक हुए तो उन्होंने डॉक्टर को अपनी पूरी कहानी सुनाई तो डॉक्टर के शब्द थे कि उन्हें दवाई की नहीं बल्कि खाने की जरूरत हैं। वहीं लंबे अरसे के संघर्ष के बाद धर्मेंद्र (Dharmendra) को साल 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म “दिल भी तेरा हम भी तेरे मिली।”
बॉलीवुड के एक्शन हीरो बने धर्मेंद्र
धर्मेंद्र (Dharmendra) अपनी पहली फिल्म के मिलने पर हिंगोरानी के इतने एहसानमंद थे कि, उन्होंने उनकी हर फिल्म के लिए बस नाम मात्र की ही फीस ली। इसी बीच 1960-70 तक धर्मेंद्र की बॉलीवुड में एक रोमांटिक हीरो की छवि बन चुकी थी। इसके बाद उन्हें साल 1967 में अपनी पहली हिट फिल्म फूल और पत्थर मिली। जिसके बाद वह फिर से एक एक्शन हिरो के रूप में बॉलीवुड में स्थापित हो गए। इन फिल्मों के बाद धर्मेंद्र ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार बन गए।
यह भी पढ़िये :
"