भारत रत्न संगीतकार लता मंगेशकर ने अपना 91वां जन्मदिन मनाया है। इनका जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। मात्र 13 साल की उम्र में ही उन्होंने गायकी की दुनिया में कदम रखा था। 40 की दशक में उन्होंने गायकी की शुरुआत कर दी थी। अभी तक लता मंगेशकर ने तीन नेशनल अवॉर्ड फिल्म ‘परिचय’ के लिए साल 1972 में, ‘कोरा कागज़’ के लिए 1974 में और फिल्म ‘लेकिन’ के लिए 1990 में मिल चुके हैं।
भारत सरकार से उन्हें पद्म भूषण (1969), दादा साहब फाल्के (1989), पद्म विभूषण (1999) और भारत रत्न (2001) से भी सम्मानित किया है। गायकी की दुनिया में उनका नाम मशहूर है। लता मंगेशकर की लाइफ से जुड़ी कई कहानियां हैं लेकिन उन्ही कहानियो से एक कहानी इनमें सबसे ज्यादा कहानी फेमस भी है। बताते है आज आपको दो बहनों की इस कहानी और आशा भोसले की जिंदगी कुछ किस्से
परिवार की जिम्मेदारियों को संभाला
14 साल की उम्र से लता मंगेशकर ने काम करना शुरू कर दिया था। पिता के असामयिक निधन के कारण से उन पर कई जिम्मेदारियां आ गई थी कि वो परिवार को संभाले। लता ने परिवार की बड़ी बेटी होने के नाते ये जिम्मेदारी बखूबी निभाई भी है। जब आशा बड़ी हुईं, तो लता ने इसी जिम्मेदारी और गंभीरता की उम्मीद उनसे भी की थी।
इस वजह से तोड़ा था छोटी बहन से रिश्ता
हालाँकि आशा बचपन से ही अलग मिजाज की थीं। उन्हें किसी भी तरह के नियमों में बंधना पसंद नहीं था। उन्होंने अपने अलग रास्ते चुन लिए। मात्र 16 साल की उम्र में ही आशा ने गणपतराव भोंसले से शादी कर ली थी। गणपतराव उस समय 31 साल के थे। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि गणपत राव उस वक्त लता मंगेशकर के सेक्रेटरी हुआ करते थे।
एक इंटरव्यू में आशा ने बताया था कि लता मंगेशकर ने आशा और गणपत के इस रिश्ते को हाँ नहीं किया था। इसके बाद दोनों के बीच काफी दूरी आ गई और काफी समय तक दोनों में कोई भी बातचीत नहीं हुई। इस वजह से लता मंगेशकर ने आशा भोसले से रिश्ता तोड़ लिया था। कुछ समय बाद दोनों बहनों में सब कुछ सही हो गया और आज दोनों एक दूसरे के काफी करीब है।