अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई द्वारा गठित की गई एम्स की फरेंसिक टीम ने अपनी रिपोर्ट में अभिनेता के मर्डर की थ्योरी को ख़ारिज किया है। एम्स की टीम का कहना है कि रिपोर्ट्स के अनुसार सुशांत की मौत फांसी लगाने की वजह से हुई और इसलिए यह आत्महत्या का केस है। अब एम्स की रिपोर्ट के सामने आने के बाद सभी की नजरें बॉम्बे हाई कोर्ट पर हैं। वह रिया चक्रवर्ती को जमानत देता है या नहीं। ड्रग केस में हाई कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती और अन्य 3 लोगों की जमानत याचिकाओं पर फैसला आना बाकी है।
रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने रखा यह तर्क
वकील सतीश मानेशिंदे रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक की तरफ से केस लड़ रहे है। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि उनके क्लायंट के खिलाफ ऐसा कोई केस नहीं बनता है जिसमें कि जमानत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि रिया और शौविक पर लगाए गए आपराधिक साजिश के साथ ‘ड्रग्स की ट्रैफिकिंग के लिए फाइनैंसिंग’ के आरोप रिया को जमानत देने के खिलाफ काफी नहीं हैं।
वकील ने यह भी तर्क रखा है कि दिल्ली हाई कोर्ट की एक डिवीजनल बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि अगर ड्रग्स की मात्रा बहुत कम है तो जमानत दे दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच में रिया के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं की गई है लेकिन उन पर सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदने का आरोप लगाया है जो कि बेहद कम मात्रा में थी इसलिए उन्हें जमानत दे दी जानी चाहिए। बता दे इस मामले में कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है।
एक्सपर्ट का कहना है कि
वकील अमित देसाई का कहना है कि कानून ड्रग्स की कम मात्रा पर इतना सख्त नहीं है और यह ऐसे कई फैसलों में देखा गया है। फिलहाल अगर एनसीबी ने सख्त आरोप लगाए हैं तो वह इस कम मात्रा के आधार पर जमानत के लिए काफी नहीं होंगे। मुंबई के एक अन्य वकील प्रणव बढेका ने कहा कि एनसीबी के केस में ड्रग्स की बहुत कम मात्रा का दिखता है इसलिए जमानत मिल जानी चाहिए। अभी देखना होगा कि इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट रिया चकर्वर्ती को जमानत देता है या नहीं।