बिहार में कोविट टेस्ट के डेटा में भारी गड़बड़ी की खबर सामने आई हैं। जिन लोगों ने कोविड का टेस्ट कराया ही नहीं उनकी भी कोविड टेस्ट कराने की रिपोर्ट समाने आई है। इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्रों पर जिन लोगों ने टेस्ट करने का दावा किया गाया है उनके बारे में गलत जानकारिया दर्ज की गई है।
क्या है बिहार कोरोना टेस्ट घोटाला
बिहार में कोरोना टेस्ट करवाने वाले के लोगों के डेटा में बढ़े लेवल पर गढ़बड़ी का पता चला है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक बिहार में कोविड टेस्ट करवाने वाले लोगों के डेटा में बढ़ी लापरवाही सामने आई हैं। खबर के मुताबिक कई स्वास्थ्य केंद्रों पर जिन लोगों का टेस्ट करने का दावा किया गया है, उनके बारे में गलत जानकारियां दर्ज की गईं थी। गलत जानकारियों में फोन नंबर से लेकर घर का पता, माता पिता का नाम और कोरोना टेस्ट करवाने लोगों का कोई अता पता नहीं है।
अखबार ने अपने सूत्रों और स्वास्थ्यकर्मियों के हवाले से दावा किया है कि रोज़ाना के टारगेट को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा फर्जी डेटा भरा गया। इतना ही नहीं टेस्ट की संख्या बढ़ाकर भी टारगेट हासिल कर भ्राष्टाचार करने के आरोप भी लगाए गए हैं।
मोबाइल नंबर से लेकर, सब कुछ गलत
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जमुई जिले के एक स्वास्थ्य केंद्र पर एक दिन में जिन 230 लोगों का टेस्ट करने का दावा किया गया उनमें से सिर्फ 12 लोगों का ही टेस्ट हुआ था।
बिहार के अरहरिया जिले के बरहट में स्वास्थ्य केंद्र पर आरटीपीसीआर टेस्ट कराने वाले 26 लोगों के नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर भर दिया गया है। ये नंबर एक मज़दूर का है जिसके परिवार में से किसी ने भी टेस्ट नहीं करवाया है। खबर आने बाद जिले के अधिकारियों ने इन आरोपों की जांच कराने का भरोसा दिया है।
बिहार सरकार के दावे के मुताबिक बिहार में अब तक दो करोड़ 16 लाख से अधिक कोविड टेस्ट किए जाने का दावा किया गया है। इन 16 लाख कोविड टेस्ट में 261447 लोग पॉज़ीटिव पाए गए है।