बजट 2021-22

बजट 2021-22 पर देश के बढ़े नेताओं ने अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा देश के बजट के दिल में गाँव है, हमारे किसान है। राहुल गाँधी ने बजट को पूजीपतियों का बजट बताया, तो वहीं अखिलेश यादव ने बजट को दिशाहीन बताया है।

प्रधानमंत्री ने बजट को गाँव और किसानों से जोड़ा

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2021-22 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में कृषि क्षेत्र को मज़बूती देने के लिए, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में कई प्रावधान किए गए हैं, एपीएमसी को और मज़बूत करने के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद का प्रावधान किया गया है।

प्राधानमंत्री ने कहा कि, “ये सब निर्णय दिखाते हैं कि बजट के दिल में गाँव है, हमारे किसान हैं। उन्होंने कहा कि, ये बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है, आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है, बजट में आत्मनिर्भरता का विज़न भी है और हर नागरिक और हर वर्ग  का समावेश भी है”।

अमित शाह ने क्या कहा?

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बजट 2021-22 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है, “कोरोना महामारी में इस वर्ष का बजट बनाना निश्चित रूप से एक जटिल काम था। यह आत्मनिर्भर भारत, 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, किसानों की आय दो गुना करने के संकल्प का मार्ग प्रशस्त करेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने क्या कहा?

देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने आम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेष बढ़ाने के लिए सरकार के फैसले का स्वागत किया है और कहा कि सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को केंद्र में जगह दी है।

हर्षवर्धन ने कहा है कि, “ वत्त मंत्री ने 6 प्रमुख स्तंभों की बात की, जिनमें सबसे ऊपरी स्तंभ स्वास्थ्य और कल्याणकारी है। स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश 137% प्रतिशत बढ़ा है जो हमारे पिछले साल के बजट अनुमानों से 2.47 गुना ज्यादा है। अपने आप में एक उपलब्धि है।

बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2,23,846 करोड़ का प्रस्तावित आवंटन किया गया है।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने क्या कहा?

नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि, “यह एक बहुत ही व्यावहारिक, तर्कसंगत और प्रगतिशील बजट है। सबसे महत्वपूर्ण बात, कर(टैक्स) के साथ ज्यादा छेडछाड़ नहीं की गई है और कोई नया उपकर नहीं लगाया गया है।

उन्होंने इस बजट को शानदार बजट कहा है। उन्होंने कहा कि यह न केवल हमें पूर्व कोविड-19 अवधि की वसूली चरण में तेजी लाएगा, बल्कि 3-4 साल के लिए एक दिशा भी प्रदान करेगा। सरकार ने इस बार बुनियादी ढांचे और संपत्ति के मुद्रिकरण पर ध्यान केंद्रित किया है बल्कि सरकार की सोच को दर्शाता है कि लंबी अवधि में निजी क्षेत्र को शामिल करना आवश्यक है।

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

बजट 2021-22

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट 2021 को निराशाजनक और दिशाहीन बताया है। उन्होंने कहा है कि इसमें अर्थव्यवस्था के लिए कोई बड़ा फैसला नही लिया गया है।

उन्होनें कहा कि, “क्या सकार इस बजट से हमें 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने के करीब पहुंच रहे हैं। जो लोग 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी का सपना दिखा रहे थे, उन्होंने आज किसानों और बेरोज़गारों को निराश किया है।

राहुल गांधी ने क्या कहा?

कांग्रेसा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट 2021-22 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, “इसमें ग़रीबों के लिए कुछ भी नहीं है, सरकार गरीबों के हाथों में नगदी देना भूल गई है। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्ति को अपने घनिष्ठ पूजीपति मित्रों को सौंपने की है”