मात्र 15 साल की भारतीय मूल की एक लड़की गीतांजली राव के हुनर प्रतिभा और दृष्टिकोण को पहचानते हुए विश्व स्तर की मशहूर पत्रिका टाइम ने उन्हें इस साल “किड ऑफ द ईयर 2020” के खिताब से नवाजा है। यही नहीं गीतांजलि एक वैज्ञानिक और आविष्कारक होने के साथ-साथ एक अनोखे दृष्टिकोण की भी मालकिन है। उन्हें यह अवॉर्ड दूषित पेयजल और साइबर बुलिंग के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के बेहतरीन इस्तेमाल के लिए दिया गया है।
पहली बार टाइम मैगज़ीन ने बच्चों को नॉमिनेट किया यह पहला मौका था जब टाइम पत्रिका ने बच्चों के लिए किसी नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू किया। लगभग 5000 बच्चों का नॉमिनेशन के लिए आवेदन आया था। लेकिन 5 हजार बच्चों के बीच 15 वर्ष की गीतांजली ने अपनी प्रतिभा को साबित करते हुए अपनी जगह को बनाई। इस खिताब को हासिल करने वाली वह पहली किड हो गई हैं।
टाइम मैगजीन का कहना है कि, कोलेरेडो के स्टेम स्कूल हाईलैंड्स रेंच स्कूल की छात्रा राव ने युवा वैज्ञानिकों के सामने मिसाल है और वह उनके लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हैं। राव ने न्यूज एजेंसी एपी से जूम इंटरव्यू पर कहा, ‘इनाम के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था। मैं बेहद उत्साहित और आभारी हूं कि हम हमारी और आने वाली पीढ़ी की तरफ देख रहे हैं।’
काफी उपलब्धियां हासिल की है गीतांजलि ने
गीतांजली ने काफी उपलब्धियां प्राप्त की है। जी हाँ गीतांजली की यह कोई पहली उपलब्धि नही है। बल्कि उपलब्धियों की लिस्ट काफी लंबी है। गीतांजलि राव ने सिर्फ 12 साल की उम्र में पानी में सीसा का पता लगाने वाली एक पोर्टेबल डिवाइस विकसित की। यही नहीं अन्य खिताब भी कर चुकी हैं अपने नाम इसके अलावा मैं आपको यह भी बता दूं कि ये पहली बार नहीं है कि गीतांजलि को उनके काम के लिए बड़ा खिताब पहली बार मिला हो।
इससे पहले साल 2019 में उन्हें फोर्ब्स की 30 अंडर 30 लिस्ट में जगह मिली थी। गीतांजलि को ईपीए प्रेजिडेंशियल अवॉर्ड, जॉर्ज स्टेफेनसन इनोवेशन अवॉर्ड 2020, कुमॉन 2019 स्टूडेंट इंसपाइरेशनल अवॉर्, टीसीएस इग्नाइट इनोवेशन टॉप हेल्थ पिलर अवॉर्ड समेत कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। गीतांजलि को उपलब्धियों की लत हो गयी है।