जगरनाथ रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के अनुसार हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वथ्य से समझौता के बिना ये यात्रा राज्यों केन्द्र सरकार और मंदिर कमेटी के समन्वय से की जायेग।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा के अध्यक्षता वाली दो जजो के बेंच के बीच मे जगरनाथ रथ यात्रा सोमवार को सुनवाई की गई , कोर्ट ने कहा कि बिना भीड़ के रथ यात्रा निकलने की अनुमति दी जाती है तथा पूरी सावधानी के साथ यात्रा पुरा किया जाय।
एसजी मेहता ने कहा कि ये सदियों की परंपरा है, इसे रोका नही जा सकता ये करोड़ो श्रद्धालुओं की आस्था का सवाल है, उन्होंने कहा भगवान कल नही आये तो 12 साल तक नही आएंगे।
SG तुसार मेहता ने कहा कि किसी भी स्वास्थ्य से समझवत नही किया गया है, जो भी फैसला हुआ है लोगो की सुरक्षा को देखते हुये किया गया है।
CJI ने पूछा- रथ यात्रा का संचालन करना जरूरी है?
शंकराचार्य को शामिल करना जरूरी है? इस सवाल का जवाब देते हुए SG तुषार मेहता ने कहा हम मशवरा की बात कर रहे है, वो धार्मिक गुरु हैं। वहीं उड़ीसा के सरकार हारिस साल्वे ने कहा कि यात्रा पूरे राज्य में न किया जाय कर्फ्यू लगा दी जाए, रथ को सेवायात या पुलिस खिंचे जो covid19 नेगटिव हो।
टीवी पर लाइव देख ले सकते हैं आशीर्वाद
18 जून को चीफ जस्टिस के बेंच पर इस यात्रा पर रोक का आदेश दिया गया था, जिसके बाद इसे संसोधित करने की मांग पर कई दर्जनों भर याचिका पड़ा था।
50 लोगों को मिली अनुमति
रथ यात्रा निकालने के लिये कोर्ट ने 500 लोगो को जाने के लिये अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि श्रद्धालुओं को टी वी पर लाइव देख सकते हैं।
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