संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ आज से शुरू हुआ। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण की शुरूआत करते हुए सबसे पहले पिछले साल आई कोरोना, सीमा पर तनाव समेत कई संकटों का जिक्र किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि इतने संकटों के बावजूद देश मजबूती से खड़ा रहा। राष्ट्रपति ने कहा कि चुनौती कितनी बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा।
कृषि कानून और 26 जनवरी की घटना भी जिक्र किया
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कृषि क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन, 26 जनवरी को हुई घटना और सरकार की उपलब्धियों पर विचार रखे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि सरकार के पारित इन कृषि क़ानूनों को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया है और सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी।
उन्होंने कहा कि “सरकारर शांतिपूर्ण आंदोलन का सर्मथन करती है लेकिन 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था”। दिल्ली में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा- “पिछले दिनों हुए तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जो सविंधान हमें अभिव्यक्ति का आज़ादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए”
कृषि कानूनों को बताया सुधार
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि क़नून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे और जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं”
कृषि क़ानूनों को बारे में ही उन्होंने कहा कि “व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कामत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं”
राष्ट्रपति ने कहा- इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसनानों को मिलना शुरू हो गया है। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझाते हुए अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।
कोरोना टीकाकरण को बाताया गर्व की बात
कोरोना टीकाकरण का जिक्र करते हुए राष्पति ने कहा कि “ हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही बनी है। भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह किया है और अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन दी है।
चीन के बारे में क्या कहा।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में चीन सीमा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि जून 2020 में हमारे 20 जवान गलवान घाटी में शहीद हुए। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार देश, के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और सतर्क भी है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती भी की गई है।
इसके अलावा राष्ट्रपति ने पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कोरोना से छह सांसदों समेत देश में अनेकों लोगों के निधन पर उन्हें श्रद्धाजलि दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कोरोना के दौरान सरकार कि उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे सरकार संकट के समय में देश की आम जनता के साथ खड़ी रही। इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आगे ले जाने का आवाहन भी किया।