10 Rupee Coin : 10 रुपए के सिक्के को लेकर अक्सर लोग कंफ्यूजन में रहते हैं. इसे लेकर सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) समय-समय पर सुझाव दे रहे हैं. लेकिन, आज भी बाजार में कई जगह इस 10 रुपए के सिक्के (10 Rupee Coin) को वापस लेने से इंकार किया जाता है. असल में, अब तक 14 डिजाइन के 10 रुपये के सिक्के बाजार में आ चुके हैं. सभी सिक्के चलन में भी हैं. ऐसे में असल में असली कौन सा है इस बात पर हमेशा बहस बनी रहती है. दस के सिक्कों (10 Rupee Coin) को लेकर पूरे देश में चर्चा होने लगी है. बाजार में नकली सिक्के आने की अफवाहों से छोटे-छोटे युवाओं ने बिना सोचे-समझे शुरुआत कर दी है.
10 Rupee Coin :10 रुपए के सिक्कों में पहचान मुश्किल
हालाँकि, रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है, लेकिन 10 के नकली सिक्के (10 Rupee Coin) बाजार में हैं. सिक्के के डिजाइन और लुक के अवशेष लोग कंपनी में हैं. शहरी क्षेत्र में व्यापारी और सेल्समैन स्टॉक दस के सिक्के ले रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ना तो व्यापारी सिक्के लेकर रह रहे हैं और ना ही सेल्समैन. यहां तक की छोटे-छोटे व्यापारी भी सिक्के लेने से मना कर रहे हैं. किराना बिजनेस करने वाले लोगों का कहना है, हम ग्राहक से 10 के सिक्के भी लेते हैं, तो सेल्स मैन नहीं लेते हैं. हमारे पास बड़े पैमाने पर इसका स्टॉक जमा हो गया है.
10 रुपए के सिक्के के करीब 14 डिजाईन बाजार में
2005 में सबसे पहले यह सिक्का (10 Rupee Coin) प्रचलन में आया था. उनका डिज़ाइन कुछ और था. फिर 2008-09 में इसमें कुछ बदलाव किए गए. 2011 में भी एक बार डिजाइन चेंज हुआ. इसके अलावा विशेष श्रृंखला के सिक्के तो फिर भी शुरू हो गए. अलग-अलग डिजाइन के सिक्के देखकर लोग असली को भी नकली मान लेते हैं. टकसाल के अधिकारी का कहना है कि जब तक उन्हें कोई नकली मुद्रा नहीं मिल जाती, तब तक वो निश्चित तौर पर ये नहीं बता सकते कि दोनों में क्या फर्क है. लेकिन वो ये बात से सहमत हैं कि दस रुपए के 10 और 15 धारी वाले जो सिक्के (10 Rupee Coin) आ रहे हैं, वो दोनों असली हैं. 15 धारी वाले सिक्के नकली होने की बात गलत है, वो भी आरबीआई द्वारा जारी किए गए हैं.
2005 से सिक्कों का हुआ प्रचलन
15 धारी वाले सिक्के नहीं हैं. देश के कई राज्यों में जुलाई 2016 से ये अफवाह चल रही है, जो बीच-बीच में जोर पकड़ती है. तब से अब तक आरबीआई ने कई बार अपनी तरफ से सूचना जारी करके इसके बारे में बताया है कि किसी भी तरह के डिजाइन वाले सिक्के नकली नहीं हैं. और इस अफवाहों से सिर्फ लोगों को ही परेशानी कम नहीं होती. रिपोर्ट का कहना है कि नकली नोट की तरह नकली सिक्का भी तैयार किया जा सकता है. हालाँकि उसकी फ़्रैटवैलिटी में बहुत अंतर होता है. नकली सिक्के तैयार करने के लिए एक आयरन की डाई तैयार की जाएगी. एक सांचे में मैटल को डाला जाएगा उसके बाद दूसरे सांचे का उस पर दबाव बनाकर पुतला कच्चे माल के रूप में तैयार किया जा सकता है.
कोई भी 10 का सिक्का नकली नहीं
एक सिक्के (10 Rupee Coin) को तैयार करने में 15 से 20 मिनट का समय लग सकता है. टकसाल अधिकारी बता रहे थे कि जब लोग सिक्के लेने से मना करते हैं, तो नए ढाले सिक्के के सर्कोलिटी में भी समानता हो जाती है. असल में कितने सिक्के (10 Rupee Coin) ढालने हैं, ये RBI बताता है. वो मार्केट की खरीददारी का हिसाब-किताब बताता है. जब लोग सिक्के लेकर बंद कर देते हैं, तो मामला सुस्त हो जाता है.
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