Scheme: राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने दावा किया कि मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना इस स्कीम (Scheme) के तहत करीब 14,000 पुरुषों को लाभ मिला है और उन्होंने इसकी सीबीआई जांच की मांग की, जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि अगर ऐसे लाभार्थी पाए गए तो उनसे पैसा वसूला जाएगा. कुछ रिपोर्टों का हवाला देते हुए सुप्रिया ने बताया कि अगस्त में शुरू की गई लड़की बहन योजना के लाभार्थियों की सूची में लगभग 14,000 पुरुष पाए गए। उन्हें 2024 तक लगभग 21 करोड़ रुपये वितरित किए गए.
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए सुप्रिया ने सीबीआई जांच की मांग की ताकि पता लगाया जा सके कि इस योजना में कौन लोग शामिल थे. उन्होंने कहा, “सरकार छोटे-छोटे आरोपों पर भी सीबीआई या ईडी जांच शुरू कर देती है. अब उसे उस ठेकेदार का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच की घोषणा करनी चाहिए जिसने इन लोगों को इस योजना में शामिल किया.”
दोषी पाए जाने पर की जाएगी कार्रवाई
First, BJP mocked our Guarantee schemes
Then, they shamelessly copied them
And finally, they managed to turn it into a massive scam.As per reports, 14,298 men received Rs. 21.44 crores of taxpayer money over the last 10 months under Ladki Bahin Yojana, a welfare scheme launched… pic.twitter.com/VioRBSDtwP
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) July 28, 2025
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जो वित्त विभाग भी संभालते हैं, ने कहा, “लाभार्थियों में किसी पुरुष को शामिल करने का कोई कारण नहीं है. अगर ऐसे लोग हैं, तो हम उनसे अब तक मिली रकम वसूलेंगे. अगर वे सहयोग नहीं करते, तो हमें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी.”
उन्होंने कहा, “लड़की बहन योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए है. योजना के लाभार्थियों की जांच के दौरान, कुछ महिलाओं को नौकरी होने के बावजूद स्कीम (Scheme) के माध्यम से पैसा प्राप्त हुआ.”
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इतने लाभार्थी को मिला लाभ

राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने अपने एक्स हैंडल पर एक संदेश पोस्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मेरी प्यारी बहन योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी आवेदकों की पात्रता सत्यापित करने के लिए सभी सरकारी विभागों से जानकारी मांगी थी. तदनुसार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बताया कि लगभग 26.34 लाख लाभार्थी, अपात्र होने के बावजूद, मेरी प्यारी बहन योजना का लाभ उठा रहे हैं.
यह पाया गया कि कुछ लाभार्थी एक से अधिक स्कीम (Scheme) का लाभ उठा रहे थे, कुछ परिवारों में दो से अधिक लाभार्थी थे, तथा कुछ मामलों में, पुरुषों ने योजना के लिए आवेदन किया था.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि इस सूचना के आधार पर इन 26.34 लाख आवेदकों के लिए जून 2025 से लाभ अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है. इसके अलावा, मेरी प्यारी बहन स्कीम (Scheme) के लगभग 2.25 करोड़ पात्र लाभार्थियों को जून 2025 माह के लिए मानदेय वितरित किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि जिन 26.34 लाख लाभार्थियों के लाभ अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए हैं, उनकी जानकारी संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा सत्यापित की जाएगी और पात्र पाए गए लोगों के लिए लाभ सरकार द्वारा फिर से शुरू किया जाएगा. सुप्रिया सुले ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ चर्चा के बाद सरकार को गुमराह करने वाले और अनुचित तरीकों से लाभ प्राप्त करने वाले फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में सरकार के स्तर पर उचित निर्णय लिया जाएगा.
महिलाओं को हर माह मिलते हैं इतने रुपए
महाराष्ट्र सरकार की लड़की बहन योजना, जिसका उद्देश्य कमजोर महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करना था, अब धोखाधड़ी के कारण सुर्खियों में आ गई है. जांच में पता चला है कि करीब 14,298 पुरुषों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे इस योजना का लाभ उठाया, जिससे सरकारी खजाने को करीब 21.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, आपको बता दें कि यह योजना अगस्त, 2024 में शुरू की गई थी.
फर्जी आधार या दस्तावेजों की मदद
इस स्कीम (Scheme) के ऑडिट के दौरान पता चला कि कई पुरुषों ने फर्जी आधार या दस्तावेजों की मदद से खुद को महिला बताकर इस योजना के लिए पंजीकरण कराया था और हर महीने वित्तीय लाभ उठा रहे थे. यह तब तक चलता रहा जब तक योजना की गहन जाँच नहीं हो गई.
इस खुलासे के बाद, लोग सवाल उठाने लगे हैं कि आवेदन सत्यापन प्रक्रिया इतनी कमज़ोर कैसे थी कि वे पूरी व्यवस्था की निगरानी करने में नाकाम रहे. इससे पहले महाराष्ट्र में सैनिटरी नैपकिन सब्सिडी और शिव भोजन थाली जैसी योजनाओं में अपात्र लोगों के नाम पर पैसे लिए जाने का खुलासा हुआ था.