Shahjahanpur

Shahjahanpur: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) जिले के ढकिया तिवारी गांव में खेत की जुताई के दौरान करीब दो सौ साल पुराने भारी मात्रा में प्राचीन हथियार बरामद हुए हैं। इसमें तलवारें, भाले, सिंगल बैरल बंदूक और कई पुराने हथियार शामिल हैं। इस घटना ने ग्रामीणों को हैरान कर दिया है। एक किसान जब हल चला रहा था, तो हल के लोहे से टकराने की आवाज आई, जिसके बाद खुदाई की गई और तलवारें, खंजर, भाले समेट पुराने जमाने की बंदूकें पाई गईं। ये सभी हथियार सालों से जमीन के नीचे दबे हुए थे।

यूपी के Shahjahanpur में निकले 200 साल पुराने हथियार

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शाहजहांपुर (Shahjahanpur) स्थित तिलहर विधायक सलोना कुशवाहा भी मौके पर पहुंचीं। क्षेत्रीय लोग भी यह खबर सुनकर बड़ी संख्या में खेत के पास जमा हो गए। जानकारों के मुताबिक ये हथियार करीब 200 साल पुराने हैं। दरअसल निगोही थाना क्षेत्र के ढकिया तिवारी गांव में खेत की जुताई करते समय जमीन के अंदर से पुराने जमाने के हथियार निकले हैं।

गांव के ओमवीर सिंह का कहना है कि काफी समय पहले यहां एक बाग था। बाबूराम ने यह जमीन खरीदी थी। पहले गांव के लोग यहां से मिट्टी ले जाते थे। अब बाबूराम ने यहां मकान बनाने के लिए नींव खोदी थी। आज बाबूराम ने पहली बार इस खेत में हल चलाया तो तलवारें हल से टकरा गईं।

गांव में लोगों के बीच बना कोतुहल का विषय

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कयास लगाए जा रहे हैं कि शाहजहांपुर में निकले (Shahjahanpur) ये हथियार 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय के हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस ने खेत में मिले पुराने शास्त्रों को कब्जे में ले लिया है और पुरातत्व विभाग को जांच के लिए बुलाया है। बताया जा रहा है कि गांव निवासी बाबूराम ने एक पुराना खेत खरीदा था। जब उसने बैल और हल की मदद से खेत की जुताई शुरू की तो उसका हल जमीन में किसी चीज से टकरा गया। जब उसने फावड़े से जमीन खोदनी शुरू की तो खेत में अलग-अलग जगहों से 20 तलवारें, 10 सिंगल बैरल बंदूक की बैरल, एक डबल बैरल बंदूक की बैरल, एक भाला और पुरानी पिस्तौल जैसा हथियार मिला।

पुरातत्व विभाग ने अपने कब्जे में लिया मामला

खेत से हथियार मिलने की खबर शाहजहांपुर (Shahjahanpur) समेत पूरे इलाके में फैल गई। जिसके बाद पुराने हथियारों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग खेत पर जमा हो गए। सूचना के बाद पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद टीम ने पुराने हथियारों को कब्जे में ले लिया। हथियारों की उम्र और समय का पता लगाने के लिए पुरातत्व विभाग को सूचना दे दी गई है। निगोही में मिली तलवारों और बंदूकों के बारे में एसएस कॉलेज के इतिहास विभाग ने जानकारी ली हैं।

इतिहासकारों ने हथियारों को भेजा जांच के लिए

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वहां के डॉ दीपक सिंह ने बताया कि तलवारों में चांदी के हैंडल लगे होने की जानकारी मिली है जबकि बंदूकों में सिर्फ बैरल है। लकड़ी वाले हिस्से को दीमक खा गई है। कल इसकी जांच कर इसकी स्थिति का पता लगाया जाएगा, माना जा रहा है कि तलवारों के साथ मिली बंदूकें 150 से 200 साल पुरानी हो सकती हैं। डॉ विकास खुराना ने बताया कि भारत में बंदूकों का प्रयोग सोलहवीं शताब्दी से शुरू हुआ था, लेकिन हमारे क्षेत्र में सबसे पुराने साक्ष्य सत्रहवीं शताब्दी के हैं।

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