23 Year Old Army Martyred Soldier While Saving His Fellow Soldier
23 year old army martyred Soldier while saving his fellow soldier

Martyr Soldier : भारतीय सेना के जवान देश हित के लिए और जनता की सेवा के लिए कुछ भी कर देते है। चाहे उन्हें अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े। ऐसा ही कुछ एक नौजवान आर्मी ऑफिसर ने किया है। युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने अपने अद्वितीय साहस, नेतृत्व का उदाहरण पेश किया।

भारतीय सेना की स्कॉटिश स्काउट्स यूनिट के 23 वर्षीय जांबाज ने उत्तरी डिवीजन में एक ऑपरेशनल कार्य के दौरान अपने दोस्त अग्निवीर की जान बचाते हुए शहादत (Martyr Soldier) प्राप्त की।

6 महीने पहले सेना में शामिल हुए शशांक हुए शहीद

Martyr Soldier

लेफ्टिनेंट शशांक 6 महीने पहले ही सेना में शामिल हुए थे। भारतीय सेना के स्कॉटिश स्काउट्स के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी को छह महीने से भी कम समय पहले 14 दिसंबर 2024 को कमीशन दिया गया था। वह तेलंगाना में टैक्टिकल ऑपरेटिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। एक रूट मोटरसाइकिल गश्ती का नेतृत्व कर रहे थे।

जो एक महत्वपूर्ण पोस्ट है जिसे भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है। सुबह करीब 11:00 बजे स्ट्रेटी टीम के सदस्य अग्निवीर के दोस्त स्टीफन सुब्बा एक लॉग ब्रिज को पार करते समय फिसल गए और तेज पहाड़ी धारा में बह गए और शहीद (Martyr Soldier) हुए।

दोस्त को बचाने के चलते तेज धारा में बहे शशांक

Martyr Soldier

दोस्त सुब्बा को बहता देख लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने बिना किसी हिचकिचाहट के सहज रूप से खतरनाक पानी में उतरकर उसे सांत्वना दी। एक युवा नायक भी तुरंत दूसरों की मदद के लिए दौड़ पड़ा। दोनों ने मिलकर डूब रहे अग्निवीर को बचाने में सफलता हासिल की। ​​हालांकि लेफ्टिनेंट तिवारी दुर्भाग्य से तेज धारा में बह गए और अपना जीवन गंवा (Martyr Soldier) दिए।

अयोध्या के रहने वाले है लेफ्टिनेंट शशांक

Martyr Soldier
लेफ्टिनेंट शहीद (Martyr Soldier) शशांक तिवारी का पार्थिव शरीर कल शाम तक विमान से अयोध्या पहुंचा दिया गया। 24 मई को माझा जमथरा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव और जिले में शोक की लहर है। शशांक तिवारी मूल रूप से अयोध्या के कैंट थाना क्षेत्र के मंझवां गद्दोपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में हैं। और फिलहाल वह अमेरिका में हैं।

पिता है मर्चेंट नेवी अमेरिका में तैनात

Martyr Soldier

बेटे की मौत की खबर सामने आई है कि वह घायल होकर अमेरिका से भारत लौटे हैं। बताया जाता है कि शशांक की मां हृदय रोगी हैं, इसलिए अब तक उन्हें बेटे की मौत की खबर नहीं मिली है। शशांक की बड़ी बहन दुबई में रहती हैं। लेकिन फिलहाल वह अयोध्या में हैं। शशांक बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे। बचपन से ही उनमें सेना में देश सेवा करने का जज्बा था।

बचपन से देश में जागृत थे शशांक

Martyr Soldier

शहीद जवान शशांक सिंह अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिटी जिंजर बेल स्कूल से की। 2019 में उन्होंने जेबीए एकेडमी से पासपोर्ट की परीक्षा पास की। इसके बाद उनका चयन हो गया। शशांक के मामा राजेश दुबे बताते हैं कि शशांक बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखते थे। देश सेवा का जज्बा उनके अंदर बचपन में ही जागृत हो गया था।

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