Gurjar Andolan : राजस्थान के भरतपुर जिले के पीलूपुरा में गुर्जर समाज की विभिन्न मांगों को लेकर एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया। इस आयोजन से गुर्जर आन्दोलन की आहट फिर से हो रही है। इस महापंचायत में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग शामिल हुए।
समाज की एकता को दर्शाने और सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत भावुक पलों के साथ हुई। भरतपुर के पीलूपुरा गांव में गुर्जर समाज (Gurjar Andolan) की महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
महापंचायत के जरिए गुर्जर समाज की 7 माँग
रिपोर्ट की माने तो गुर्जर (Gurjar Andolan) महापंचायत सात मांगों पर अड़ी हुई है। अगर सरकार सातों मांगें पूरी नहीं करती है तो रेलवे ट्रैक जाम कर दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी है। विजय बैंसला का कहना है कि समाज को अभी तक पूरा हक नहीं मिला है। अभी भी अधूरा है और इसे पूरा करना है। आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला भरतपुर के आसपास के जिलों का दौरा कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।
सरकार को दिया आज तक का अल्टीमेटम
महापंचायत से पहले बैंसला दौसा, करौली और आसपास के जिलों में लोगों से मिलकर उन्हें महापंचायत में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि अब सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने मांग की कि सरकार 8 जून तक समाज के समक्ष उनकी मांगों पर की गई कार्यवाही का प्रारूप प्रस्तुत करे। इसके बाद गुर्जर (Gurjar Andolan) समाज अगला निर्णय लेगा।
क्या हैं गुर्जर समाज की मुख्य मांगें?
गुर्जर समाज की मांगो को जल्दी मान लेनी चाहिए सरकार को 🙏🏿 pic.twitter.com/Q1PO1prEHw
— ममता राजगढ़ (@rajgarh_mamta1) June 8, 2025
1. एमबीसी आरक्षण को 9वीं अनुसूची में जोड़ा जाए।
2. रोस्टर प्रणाली में संशोधन कर राज्य स्तर पर लाभ प्रदान किया जाए।
3. आरक्षण आंदोलन से जुड़े मामले वापस लिए जाएं।
4. देवनारायण योजना के तहत स्कूटी और छात्रवृत्ति की सुविधा दी जाए।
5. मृतकों के परिजनों को मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति मिले।
6. सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाए।
7. सरकार को गुर्जर आंदोलन के दौरान हुए समझौतों की पालना करनी चाहिए।
2 दशकों से चल रहा है गुर्जर आंदोलन
राजस्थान में पिछले 2 दशक से गुर्जर (Gurjar Andolan) आरक्षण आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन की शुरुआत विजय बैंसला के पिता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने की थी और मांग थी कि उनके समुदाय को अनुसूचित जाति (एसटी) में शामिल किया जाए। ताकि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में गुर्जर (Gurjar Andolan) समुदाय को आरक्षण का लाभ मिल सके।
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