UP News : हिन्दू धर्म में लोग कंकड़ को भी शंकर मानते है। हर कण में भगवान का वास होता है इसी श्रद्धा के साथ लोग हर एक वस्तु में भगवान को ढूंढते है। इसी तरीके का एक चर्चा का विषय यूपी (UP News) से सामने आया है। जहां पर लोग एक बड़े से पत्थर को भगवान राम के समय का मानकर उसे पूज रहे है।
गाजीपुर में गंगा नदी में तैरकर आया बड़ा पत्थर
दरअसल, ये घटना यूपी (UP News) के गाजीपुर से सामने आई है। जहां पर गंगा नदी में बड़ा सा पत्थर आया है। गाजीपुर जिले में तैरता हुआ पत्थर मिलने के बाद यहां के लोगों में काफी उत्साह है और वे इसे रामायण काल का मानकर प्रतिदिन इसकी पूजा भी कर रहे हैं।
स्थानीय मंदिर के पुजारी संत रामाधार के अनुसार, जब कुछ श्रद्धालुओं ने उन्हें बताया कि गंगा में एक विशाल पत्थर तैर रहा है, तो उसे बीच धारा से किनारे पर लाकर स्थापित किया है।
इस चमत्कारी पत्थर में क्या है खास?
उत्तर प्रदेश –
जिला गाजीपुर की गंगा में एक बड़ा पत्थर तैरता हुआ आ गया। वजन 2 कुंतल के आसपास है। न डूब रहा है, न किसी से उठ रहा है। लोगों ने रामसेतु के पत्थर से जोड़कर इसकी पूजा–अर्चना शुरू कर दी है। pic.twitter.com/FPihE4ayBj
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) July 19, 2025
इसमें ख़ास ये है कि कई लोग मिलकर भी इस पत्थर को नहीं उठा पा रहे हैं। साथ ही पत्थर गंगा के पानी में डूब नहीं रहा है। जैसे ही इस चमत्कार की चर्चा इलाके में फैली सैकड़ों लोग गंगा घाट पर जमा हो गए।
कई लोग पत्थर की पूजा करने लगे तो कई लोग वहीं शास्त्रों का पाठ करने बैठ गए। लोग इसे आस्था की नजरों से देख रहे हैं।
भगवान राम और रामसेतु से जोड़ रहे संबंध
यूपी (UP News) के लोगों ने इस पत्थर की पूजा शुरू कर दी है। इसे रामेश्वरम के उन पत्थरों से जोड़ा जा रहा है, जिनका उपयोग त्रेता युग में भगवान श्री राम ने सेतु निर्माण के लिए किया था। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। भक्तों का मानना है कि यह पत्थर भगवान श्री राम की कृपा और चमत्कार का प्रतीक है।
पत्थर को देखने आए लोगों ने कहा कि इस पत्थर का राम सेतु से संबंध है या नहीं, यह शोध का विषय है। इसके बावजूद लोग भक्ति में डूबे हुए हैं।
कैसे पता चला पत्थर का?
पत्थर को सबसे पहले एक बच्चे ने देखा था। घाट के बगल में नाविकों की एक बस्ती है और वहां सोनू नाम का एक बच्चा रहता है जिसकी उम्र लगभग 10-15 साल है। एक दिन पहले सोनू दोपहर में गंगा नदी में नहा रहा था। गंगा घाट से लगभग 100 मीटर की दूरी पर नहाते समय उसे कुछ तैरता हुआ दिखाई दिया।
फिर वह उस पत्थर के पास पहुंचा और देखा कि एक पत्थर तो है लेकिन डूब नहीं रहा है। सोनू उस पत्थर को घाट के किनारे ले आया। अब ये चर्चा का विषय है।
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