Kolhapur: सड़क पर गड्ढे होना लोगों के लिए जान की आफत होते हैं। लेकिन क्या हो जब वही गड्ढे किसी के लिए वरदान साबित हो जाए। अब आप इसे नए साल का चमत्कार भी कह सकते हैं। दरअसल, महाराष्ट्र के कोल्हापुर (Kolhapur) के कस्बा बावड़ा उपनगर से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां पर एक व्यक्ति की मौत भी चुकी थी और उनके परिजन उन्हें घर ले जा रहे थे। लेकिन अस्पताल से घर जाते समय एक गड्ढा लगने से वह वापिस जिंदा हो गए।
गड्ढे की वजह से जिंदा हुआ मृत शख्स
दरअसल 16 दिसंबर को पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर (Kolhapur) जिले के कस्बा-बावड़ा के निवासी उल्पे को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उनके ‘शव’ को लेकर एंबुलेंस अस्पताल से उनके घर के लिए रवाना हुई, जहां पड़ोसी और रिश्तेदार उनकी मौत की खबर सुनकर इकट्ठा हुए थे और उनके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे।
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि पूजा-पाठ करते समय पांडुरंग तात्या को दिल का दौरा पड़ा था। जब उनकी पत्नी कमरे में पहुंची तो देखा कि पांडुरंग पसीने से लथपथ होकर जमीन पर गिरे हुए थे। इसके बाद पत्नी ने पड़ोसियों को बुलाया और उनकी मदद से बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया। देर रात तक डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी। जल्द ही यह खबर कोल्हापुर (Kolhapur) के बावड़ा कस्बे में पहुंच गई और पड़ोसी, रिश्तेदार और गांव वाले पांडुरंग के घर पर जुटने लगे। अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गईं।
कैसे जीवित हुआ मृत आदमी?
पता चला कि थोड़ी देर में पांडुरंग का शव एंबुलेंस में घर लाया जाएगा। लेकिन इसी बीच खबर आई कि एंबुलेंस गड्ढे में गई और मृत पांडुरंग फिर से जीवित हो गया। परिवार ने फिर से एंबुलेंस को कदमवाड़ी अस्पताल (Kolhapur) की ओर मोड़ दिया। वहां फिर से पांडुरंग का इलाज किया गया। बुजुर्ग के शरीर ने इलाज का असर दिखाना शुरू कर दिया और वह पूरी तरह होश में आ गया और अपने पैरों पर खड़ा होने लगा। कुछ देर बाद उसे सुरक्षित हालत में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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