Adil Osmanov : ओलंपिक पेरिस 2024 का आयोजन फ्रांस में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है. ओलंपिक खेल 26 जुलाई को शुरू हुए और 11 अगस्त को ख़त्म होने जा रहे है. इस दौरान हर खेल और बाकी हर नतीजे इतिहास में बनने जा रहे हैं. दुनिया भर के एथलीटों की जीत और हार सब इस खेल पर मौजूद हैं. माल्डोवा के आदिल उस्मानोव (Adil Osmanov) ने इटली के लोम्बार्डो को हराकर मेन्स के 73 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था.
इस जीत के साथ ही उन्होंने खुशमिजाज होते हुए और बहुत खुशी से झूमते हुए अपने हाथ को झटका दिया और नीचे हाथ के बल बैठ गए थे. लेकिन उनके साथ इस दौरान एक दुर्घटना हो गई थी. और उनकी यह ख़ुशी दर्द में बदल गई थी.
आदिल उस्मानोव ने जश्न मनाते हुए तोड़ लिया कंधा
दरअसल जैसे ही आदिल ने ये जश्न मनाया तो इस दौरान उनके हाथ का कंधा निकल गया था. जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और उनका कंधा उखड़ गया है. ओलंपिक 2024 में माल्डोवा के जूडो खिलाड़ी आदिल ओस्मानोव (Adil Osmanov) ने कांस्य मेडल ने जीत हासिल की. पुरुषों की 73 किलो वर्ग में उन्होंने इटली के लोम्बार्डो को हराया तो वह खुशी से चिल्लाए थे और जश्न मनाए थे. इसी तरह उछलकूद में उनका कंधा डिस्क्लोकेट हो गया और वह बुरी तरह घायल हो गए.
कांस्य पदक जीतने की ख़ुशी मना रहे थे आदिल
स्कोर अनाउंसमेंट जाने के कुछ ही सेकंड बाद, उस्मानोव (Adil Osmanov) ने जीत की खुशी में झूमना और हाथ ऊपर उठाना शुरू कर दिया था. हालांकि, उनके एक तेज जश्न और हाथ झटकने कि वजह से उनका कंधा टूट गया था. रिपोर्ट में बताया गया कि उन्हें तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया है. हालाँकि वो जैसे तैसे पोडियम तक पहुंचे थे. फर्स्ट एड के माध्यम से वह पोडियम तक पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने (Adil Osmanov) आगे बताया कि पेरिस ओलिंपिक से पहले उन्हें कंधे की सर्जरी के लिए बुलाया गया था और प्रतियोगिता से पहले उनकी सर्जरी नहीं हुई थी.
आदिल की होगी सर्जरी
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत मुश्किल था. मुझे लगा कि वार्म-अप के दौरान मैं बीमार हो रहा था, लेकिन ऐसा पहले भी हुआ था लेकिन फिर भी मैंने मेडल जीत लिया. मुझे आगे बढ़ने कि इच्छा थी.’ इस श्रेणी में प्रतिभा की गहराई को देखते हुए यह कहा गया कि पेरिस में पदक की सूची में उस्मानोव का नाम बहुत अधिक आगे नहीं जाने वाला था. लेकिन उन्होंने गलत साबित कर आलोचकों का मूंह बंद कर दिया था. खबर के बाद, उन्होंने खुलासा किया कि वास्तव में पेरिस ओलंपिक से पहले उनके कंधे की सर्जरी की सलाह दी गई थी और मैच से पहले डॉक्टर्स ने सर्जरी की सलाह दी थी. उन्होंने (Adil Osmanov) अपने दिवंगत पिता की याद में यह मेडल जीता.
पिता की याद में जीता आदिल ने ये मेडल
इस बारे में आदिल (Adil Osmanov) कहा कि, ‘मेरे पिता मुझे ओलंपिक में देखने का सपना देखते थे, लेकिन वित्तीय संभावनाओं के कारण ऐसा नहीं कर सका था. उनका सपना था कि उनका बच्चा ओलंपिक में जाए और मेडल जीते. आज, वह सपना सच हो गया है.’ उन्होंने 2011 में मास्को में जूडो का अभ्यास शुरू किया और 2017 में मोल्दोवा की राजधानी चिसीनाउ में प्रशिक्षण ले रहे हैं. ओलंपियन बनने से पहले, उस्मानोव ने कहा था कि उनके सबसे यादगार पलों में एक ‘2019 जूनियर यूरोपीय चैम्पियनशिप’ थी. क्योंकि इसी प्रतियोगिता में उन्होंने रजत पदक जीता था. यूरोपीय चैंपियनशिप में उनका यह पहला पदक था.