Kulgam: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम (Kulgam) जिले में सुरक्षा बलों ने लगातार नौ दिनों तक चले ऑपरेशन के बाद 1 आतंकी को मार गिराया है, लेकिन इस दौरान देश के दो बहादुर जवान शहीद हो गए है। यह अभियान “ऑपरेशन अखल” के नाम से चलाया गया, जो 1 अगस्त 2025 को शुरू हुआ था और घाटी में पिछले कई वर्षों का सबसे लंबा आतंक विरोधी अभियान माना जा रहा है।
घने जंगल और पहाड़ी इलाके में छिपे बैठे थे आतंकी

यह अभियान कुलगाम (Kulgam) के अखल क्षेत्र में शुरू हुआ, जहां खुफिया इनपुट मिले थे कि कुछ आतंकी घने जंगल और पहाड़ी इलाकों में छिपे हैं। इलाका प्राकृतिक गुफाओं और ऊबड़-खाबड़ भूगोल से घिरा हुआ है, जिससे सुरक्षा बलों को आतंकियों तक पहुंचने में भारी दिक्कत आई। मौसम और घने जंगल ने भी ऑपरेशन की गति धीमी की।
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दो जवान हुए शहीद, 10 घायल
ऑपरेशन (Kulgam) के दौरान लांस नाईक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह शहीद हो गए है। इसके अलावा लगभग दस जवान घायल भी हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। जवानों की शहादत ने पूरे देश को गम और गर्व दोनों से भर दिया है।
आपको बता दें, सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में अब तक एक से दो आतंकियों को मार गिराया है। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक मारे गए आतंकी पाकिस्तान समर्थित संगठन से जुड़े थे। मारे गए आतंकियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और संचार उपकरण बरामद हुए हैं।
अभी भी ऑपरेशन जारी
हालांकि अभियान (Kulgam) का मुख्य लक्ष्य काफी हद तक पूरा हो गया है, लेकिन सुरक्षा बल अब भी इलाके में तलाशी अभियान चला रहे हैं ताकि किसी भी बचे हुए आतंकी को खत्म किया जा सके। सेना का मानना है कि इलाके में और भी आतंकी छिपे हो सकते हैं।
कुलगाम का यह ऑपरेशन न केवल सुरक्षा बलों की बहादुरी और धैर्य का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने की लड़ाई अभी लंबी है। देश इन शहीद जवानों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
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