Usha Rani: चेन्नई की अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में शनिवार को एक समारोह में 258 कैडेट अधिकारी और 39 महिला कैडेट अधिकारी को भारतीय सेना की विभिन्न इकाइयों और सेवाओं में शामिल किया गया। 39 महिला कैडेट अधिकारी में से ऊषा रानी ( Usha Rani ) की कहानी साहस, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास की मिसाल है। अपने पति की मौत के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि अपने दो बच्चों को एक बेहतर भविष्य देने के लिए खाकी वर्दी पहनकर पुलिस फोर्स में शामिल हुईं।
उन्होंने अपने व्यक्तिगत दुख को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाया। ऊषा रानी ( Usha Rani ) का यह कदम न केवल उनके लिए बल्कि समाज की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है। वह साबित करती हैं कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता संभव है।
शादी के तीन साल बाद पति की हो गई थी मौत
अपने पति कैप्टन जगतार सिंह की मौत के बाद ऊषा रानी के ऊपर अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। शादी के महज तीन साल बाद 25 दिसंबर 2020 को एक ट्रेन हादसे में जगतार सिंह का निधन हो गया। इस हादसे से ऊषा रानी ( Usha Rani ) और उनके दो जुड़वां बच्चों की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। लेकिन अपनी इच्छाशक्ति और जज़्बे के दमपर उन्होंने अपने सपना पूरा कर दिखाया और भारतीय सेना का हिस्सा बन गई।
Usha Rani ने नहीं मानी हार
पति के निधन के बाद ऊषा रानी ( Usha Rani ) ने हार नहीं मानी। ऊषा रानी ( Usha Rani ) ने बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) में डिग्री हासिल की और आर्मी ज्वाइंन करने के सपने को सच करने में लग गई. आर्मी पब्लिक स्कूल में बतौर टीचर बनकर बच्चों को पढ़ते हुए उन्हें भारतीय सेना में शामिल होने के लिए सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड (SSB) की तैयारी थी।
कड़ी मेहनत के दम पर उनका चयन चेन्नई की अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में हो गया और उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में ट्रनिंग ली। ये ट्रनिंग बेहद ही मुश्किल थी। अपनी उम्र के आगे ऊषा रानी ( Usha Rani ) ने हार नहीं मानी और ट्रनिंग से जुड़ी हर चुनौती को पूरा किया।
माता-पिता ने संभाली बच्चों की जिम्मेदारी
ऊषा रानी ( Usha Rani ) को ट्रनिंग के दौरान दोनों बच्चों से दूर रहना पड़ा। इस दौरान ऊषा रानी के माता-पिता ने बच्चों की जिम्मेदारी संभाली और अपनी बेटी को हौंसला दिया। वहीं सेना में शामिल होने के समारोह में जब उनके बच्चे आए तो एक मां की आंखे नम हो गई। इतने समय बाद अपने बच्चों को देख वो भावुक हो गई।