लॉकडाउन के समय भी नही झुकी बूढ़ी अम्मा, आज भी 1 रुपये में खिलाती हैं इडली-सांभर

कोरोना काल के दौरान लोगो के घर में खाने तक के लाले पर गए हैं। वही इस महामारी के समय में लोग गरीब मजदूरों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाये। उन्ही में से एक नाम कमलाथल अम्मा का भी है। अम्मा जी ने इस महामारी के दौरान भी लोगों को सिर्फ 1 में खाने की थाली दिया करती थी जिससे भूखे लोगों को खाना मिल जाता था।

वही अम्मा की कहानी पिछले साल सामने आई थी। सोशल मीडिया पर पिछले साल उनकी 1 रुपये में इडली बेचे जाने की कहानी काफी वायरल हुई थी। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि किसी की मदद करने के लिए उम्र मोहताज नहीं होती है।

अम्मा समझती हैं लोगो की तकलीफ

लॉकडाउन के समय भी नही झुकी बूढ़ी अम्मा, आज भी 1 रुपये में खिलाती हैं इडली-सांभर

महामारी में लॉकडाउन के दौरान सरकारों ने गरीबों को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाकर मरने के लिए छोड़ दिया था। उस मुश्किल समय में कमलाथल अम्मा गरीबों के लिए मसीहा बन कर उभरीं। वह महज 1 रुपये में गरीब मजदूरों का पेट भरने का काम कर रही हैं। 80 साल की हो चुकी तमिलनाडु की रहने वाली कमलाथल अम्मा लोगों का दर्द, उनकी तकलीफ समझती हैं।

गरीब लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरी कमलाथल अम्मा

लॉकडाउन के समय भी नही झुकी बूढ़ी अम्मा, आज भी 1 रुपये में खिलाती हैं इडली-सांभर

30 सालों से कमलाथल अम्मा सिर्फ एक रुपये में गरीब लोगों को इडली खिलाती आ रही हैं। लॉकडाउन जैसे मुश्किल समय में जहाँ हर कोई सिर्फ अपने बारे में सोचने लगा, लोगों की नौकरिया चली गईं, गरीब मजदूर खाने बिना मरने लगे। ऐसे हालातों में भी अम्मा ने इसे जारी रखा और उन्होंने अपनी इडली का भाव एक पैसा भी नहीं बढ़ाया है। अम्मा चाहती हैं कि कोई भी इंसान भूखे पेट ना सोए।

लॉकडाउन के समय अम्मा को हुई थी दिक्कत

अम्मा ने बताया कि कोरोना के समय पर उन्हें काफी से दिक्कतों का सामना करना पड़ा इडली की सारी सामग्री का भाव बढ़ चुका था फिर भी उन्होंने इसके लिए इडली का दाम नहीं बढ़ाया तब भी वह सिर्फ 1 रूपए में ही इडली की थाली देती हैं।