Mahakumbh 2025 : महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का आयोजन दुनिया में आकर्षण का केंद्र बनने के साथ-साथ आध्यात्म और भारतीय संस्कृति का संदेश दुनियाभर में फैलाने का माध्यम बन गया है। देश-दुनिया से नामचीन लोग भी महाकुंभ में डुबकी लगाने आ रहे हैं। सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। 12 साल बाद प्रयागराज में हो रहे इस विशाल आयोजन में दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु, संत और साधक हिस्सा लेंगे।
महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में हिस्सा लेने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी बड़ी हस्तियां आ रही हैं। इनमें खास चर्चा का विषय हैं दुनिया की सबसे अमीर महिलाओं में से एक है।
Mahakumbh 2025 हिस्सा बनेगी एप्पल के संस्थापक की पत्नी
हम बात कर रहे हैं लॉरेन पॉवेल जॉब्स कि जो एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी हैं। लॉरेन पॉवेल आध्यात्म की तलाश में महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के श्रीनिरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में करीब 10 दिन तक रहेंगी।
मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में अमृत स्नान लॉरेन पॉवेल जॉब्स मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में अमृत स्नान करेंगी। यह स्नान महाकुंभ के मुख्य आकर्षणों में से एक है और इसे आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। उनके इस कदम को वैश्विक स्तर पर सनातन संस्कृति और आध्यात्म के प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
पॉवेल निरंजनी अखाड़े में ठहरेगी
लॉरेन पॉवेल के साथ इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन सुधा मूर्ति और जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल भी महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में हिस्सा लेंगी। दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल 13 जनवरी को प्रयागराज पहुंच सकती हैं। पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम में पहली डुबकी लगाकर लॉरेन पॉवेल आध्यात्मिक अनुभूति लेंगी।
जानकारी के अनुसार निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में (Mahakumbh 2025) उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही लॉरेन 19 जनवरी से शुरू होने वाली कथा की पहली होस्ट भी होंगी और 29 जनवरी तक शिविर में रहेंगी।
लॉरेन 10 दिन तक अध्यात्म को समझेगी
प्राप्त जानकारी के अनुसार 61 वर्षीय लॉरेन 13 जनवरी को यहां (Mahakumbh 2025) आएंगी और 29 जनवरी तक रहेंगी। जुलाई 2020 तक लॉरेन पॉवेल और उनका परिवार फोर्ब्स की दुनिया के अरबपतियों की वार्षिक सूची में 59वें स्थान पर था। टाइम्स मैगजीन ने कई बार उन्हें दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया है।
स्टीव जॉब्स का हिंदू और बौद्ध आध्यात्मिक परंपराओं से भी गहरा लगाव था। वह हमेशा अपने साथ बाबा नीब करोली की तस्वीर और परमहंस योगानंद द्वारा लिखित एक योगी की आत्मकथा रखते थे। रिपोर्ट के मुताबिक लॉरेन से उनका विवाह भी बौद्ध रीति से ही हुआ था।
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