Seema Pahuja : कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई टीम पर पूरे देश की नजर है. साथ ही, पीड़ित मां-बाप को अब उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा. 30 सदस्यों की टीम में शामिल सीएफएसएल के स्टाफ भी हैं जो अपने वैज्ञानिक ज्ञान के बारे में बताते हैं उन वैज्ञानिक साक्ष्यों को भी पहचाने जाते हैं, जिन साक्ष्यों को खुली आंखों से देखना लगभग नामुमकिन होता है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद इसकी जांच को लेकर लोग सवाल उठा रहे थे. अब इस टीम का जिम्मा सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) को दिया गया है।
कोलकाता केस के लिए नियुक्त हुई Seema Pahuja
इस बीच ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मेडिकल स्टाफ की जांच के लिए सबसे तेजतर्रार अधिकारी एएसपी सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) को नियुक्त किया गया है. इस घटना की गुत्थी को सुलझाने के लिए उनसे बेहतर और कोई नहीं हैं. बता दें कि ये वही सीमा पाहुजा हैं जो अपराधियों की गुत्थियों का चुटकियों में समाधान करती हैं. इससे पहले उन्होंने साइंटिफिक तकनीक का इस्तेमाल किया था. कंपनी के सबसे तेजतर्रार अधिकारी एएसपी सीमा पाहुजा ने रिपोर्ट के आधार पर इसे लागू करने की पुष्टि की है.
Seema Pahuja दिलाएगी कोलकाता की बेटी को न्याय
2007 से 2018 के बीच बेहतरीन जांच के बीच सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) को दो बार गोल्ड मेडल भी मिला है. गुड़िया के रैप की गुत्थी को सुलझाने के लिए सीमा पाहुजा ने पहली बार सबसे अलग तरह की साइंटिफिक तकनीक का इस्तेमाल किया था. इस केस को भी सीमा पाहुजा ने साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर लागू करने तक सुनिश्चित किया था. पारिवारिक दबाव के बाद उन्होंने एक बार वीआरएस लेने का निर्णय कर लिया था. ईमानदार और बेदाग इंसान की वजह से किसी भी दबाव में ना आने वाली सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) को लालच देना असम्भव हैं.
कई केसों को सुलझा चुकी है Seema Pahuja
एक खबर ये भी है कि इस मामले में बाहुबली संजय रॉय का झूठ डिडेक्टर टेस्ट भी एक खबर है. इसी टेस्ट को पॉलीग्राफ टेस्ट भी कहते हैं. सीबीआई ने संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए कोर्ट से परमिशन मांगी है और सीबीआई रिसर्चर ने सियालदह कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने याचिका दायर की है. बता दें कि पॉलीग्राफ टेस्ट कोर्ट की रजामंदी से होता है. कई सालों तक सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) ने सीबीआई की स्पेशल क्राइम यूनिट-1 में सेवाएं दी हैं और 15 सदस्य टीम का हिस्सा रही हैं. सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) को अपनी सख्त और ईमानदार छवि के लिए आमतौर पर जटिल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों की जिम्मेदारी सौंपी जाती है.
आरोपियों को सजा दिलाएगी Seema Pahuja
हिमाचल प्रदेश के गुड़िया मामले और परमाणु हथियार मामले को सुलझाने के बाद सीमा पाहुजा ने सबका ध्यान खींचा था. उम्मीद है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले को भी जल्द ही सुलझाया जाएगा. अक्टूबर 1993 में दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती के बाद 1998 में सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) के इंस्पेक्टर पद पर भर्ती के बाद दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुई. इस दौरान सीमा पाहुजा (Seema Pahuja) ने कई मानवाधिकारों, धर्म परिवर्तन, हत्या और लड़कियों के अपराधों की जांच की और चार लोगों को सजा सुनाई.