Surrogacy Leave : सरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं के लिए केंद्र सरकार ने एक अच्छी खबर दी है. सरकारी महिला कर्मी सरोगेसी के माध्यम से बच्चा होने की कगार में 180 दिन का मातृत्व अवकाश ले सकती हैं. केंद्र सरकार ने इस संबंध में 50 साल पुराने नियम में संशोधन की घोषणा की है. केंद्रीय सिविल सेवा नियमावली, 1972 में किए गए प्रसव के अनुसार, ”अधिष्ठाता मां” यानि सरोगेसी (Surrogacy Leave) के माध्यम से बच्चे को पालने वाली मां ही बच्चे की देखभाल के लिए अवकाश ले सकती है और साथ ही ”अधिष्ठाता पिता” 15 दिन का पितृत्व अवकाश ले सकता है. केंद्र ने इस संशोधन के साथ ही 50 साल पुराने नियम में बदलाव किया है.
सरोगेसी से बनने वाली मां को मिलेगी छः महीने कि छुट्टी
सेंट्रल सिविल सर्विस (सीसीएस) में किए गए बदलाव के अनुसार, “कमीशनिंग मां” यानी सरोगेसी के माध्यम से जन्म देने वाले बच्चे की इच्छा वाली मां को बाल देखभाल अवकाश के साथ ही “कमीशनिंग पिता” को 15 दिनों के पितृत्व अवकाश की भी अनुमति दी गई है. कार्मिक मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि सरोगेसी (Surrogacy Leave) के मामले में, सरोगेट मां, साथ ही दो से कम जीवित बच्चों वाली कमीशनिंग मां को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है.
यदि दोनों में से कोई एक या दोनों सरकारी कर्मचारी हैं. “सरोगेसी नियम, 2022” में बदलाव के बाद, अब यह जरूरी हो गया है कि जिला चिकित्सा बोर्ड ये प्रमाणित करे कि पति या पत्नी में से किसी को कोई ऐसी बीमारी है जिसके कारण उन्हें डोनर से एग्ज या स्पर्म लेना पड़े.
पचास साल पुराने आदेश में केंन्द्र ने किया बदलाव
सरकारी आदेश में यह भी बताया गया है कि, “अकेली महिलाएं (विधवा या तलाकशुदा) जो सरोगेसी करवाना चाहती हैं, उन्हें अपने अंडे या शुक्राणु और डोनर के शुक्राणु का ही इस्तेमाल करना होगा. ये बदलाव इसलिए किए गए हैं क्योंकि 2023 में सुप्रीम कोर्ट देश भर में कई महिलाओं की याचिकाएं मिलीं थीं . उत्साहित होकर, सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसी महिला को सरोगेसी की अनुमति दी थी जो जन्म से ही एक दुर्लभ बीमारी थी.
इसके बाद मार्च 2023 में, केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें सरोगेसी (Surrogacy Leave) कराने वाली दंपतीयां थीं. इनके लिए दाता से अंडा या शुक्राणु लेने पर रोक लगा दी गई थी. जन्म की तिथि से छह माह के भीतर 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जा सकता है.’ इन नियमों को 18 जून को अधिसूचित किया गया है.
पूरे सेवाकाल में 730 दिनों के लिए ले सकते है छुट्टी
इसमें कहा गया है कि सरोगेसी (Surrogacy Leave) की दशा में, अधिष्ठाता मां, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, उन्हें शिशु देखभाल अवकाश दिया जा सकता है. वर्तमान नियमों से ”किसी महिला सरकारी सेवक और एकल पुरुष सरकारी सेवक” को दो सबसे बड़े जीवित बच्चों की देखभाल के लिए जैसे कि शिक्षा, बीमारी और इसी तरह की ज़रूरतें होने पर पूरे सेवाकाल के दौरान अधिकतम 730 दिन का शिशु देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) दिया जा सकता है.
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