Bodhana-Sivanandan-Chess-Player-At-9-Years-Old-In-Chess Olympiad Of England

Bodhana Sivanandan : भारतीय मूल की नौ वर्षीय छात्रा बोधना शिवनंदन (Bodhana Sivanandan) शतरंज में इतिहास रचने जा रही हैं. क्योंकि वह किसी भी खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई हैं. उत्तर-पश्चिम लंदन के हैरो की रहने वाली बोधना (Bodhana Sivanandan) सितंबर में हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली शतरंज ओलंपियाड में इंग्लैंड की महिला टीम में शामिल होने जा रही है. इंग्लैंड शतरंज टीम के मैनेजर मैल्कम पेन ने शतरंज की छात्रा को अब तक सबसे उल्लेखनीय ब्रिटिश शतरंज प्रतिभाओं में से एक बताया है.

वहीं, इस दौरान जुडिट पोलगर ने भी एक पोस्ट साझा करते हुए बोधना शिवनंदन की सराहना की. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि 9 साल बोधना शिवानंदन शतरंज ओलंपियाड में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी होंगी आपको बहुत-बहुत बधाई, और मैं सितंबर में बुडापेस्ट में होने वाले आपके खेलों में शामिल होऊंगी. उनको देखने के लिए उत्साहित हूँ.

बोधना शिवनन्दन 9 साल की उम्र में बनी शतरंज खिलाड़ी

Bodhana Sivnadan

बोधना शिवनंदन को सितंबर में हंगरी में होने वाले शतरंज ओलंपियाड के लिए इंग्लैंड की महिला टीम के लिए चुना गया है. इंग्लैंड की टीम में वह सबसे अलग हैं, क्योंकि उनकी अगली सबसे युवा सदस्य लैन याओ 23 साल की हैं, जबकि टीम के अन्य सदस्य 30 और 40 की उम्र के हैं. लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. उनकी प्रतिभा कि और कला कि हर कोई तारीफ़ कर रहा है. बोधना (Bodhana Sivanandan) ने इतनी छोटी से उम्र में जो इतिहास रचा है वह काबिल-ए-तारीफ़ है.  इतना ही नहीं उन्होंने इंग्लैंड टीम में भी प्रवेश किया है. उनकी तुलना कईं बड़े खिलाड़ियों से हो रही है जो शतरंज के बेताज बादशाह रहे हैं. इसके साथ ही उनकी तुलना जुडिट पोल्गर से की जा रही है.

बोधना ने कई अंन्तराष्ट्रीय स्तर पर जीते अवार्ड

बोधना (Bodhana Sivanandan) के बारे में बताएं तो उन्होंने लॉकडाउन में ही शतरंज खेलना शुरू किया था. तब उनकी उम्र मात्र पांच साल थी. इसके बाद उन्होंने शतरंज के दांव-पेंच सीखने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया था और इसको अलग-अलग टूर्नामेंट में खेलना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने कईं स्तरीय टूर्नामेंट में भाग लिया और उन्हें जीता भी. मात्र आठ साल कि उम्र ही वह तीसरी सबसे अधिक रेटिंग वाली खिलाड़ी बन गई थी.

बोधना (Bodhana Sivanandan) ने अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज कर लिए हैं. इसके साथ ही पूरी दुनिया में उन्होंने अपने माता-पिता का नाम भी रोशन किया है. माता-पिता भी बेटी कि उपलब्धियां देखकर बहुत खुश नजर आ रहे हैं. वहीं बोधना (Bodhana Sivanandan) ने बताया कि स्कूल से आने के बाद उन्हें इस बारे में पता चला था तो वह काफी खुश हुई थी.

भारतीय मूल की हैं बोधना

Bodhana Sivanadan

वहीं उन्होंने (Bodhana Sivanandan) बोला कि वह आने वाली प्रतियोगिताओं में बहुत सारे अवार्ड्स जीतना चाहती हैं और अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती है. दूसरी ओर बोधना के पिता ने बताया कि, ‘मैं और मेरी पत्नी स्नातक हैं लेकिन शतरंज के बिलकुल भी जानकार नहीं है. कुछ गेम्स हमने खेले लेकिन हम हारे ही हैं. लेकिन बोधना ने जो कुछ हासिल किया है वह उसकी मेहनत हैं और उनकी लगन ने यह सब हासिल किया है. बोधना (Bodhana Sivanandan) ने बताया कि उनकी ये कहानी एक बैग से शुरू हुई थी.

जिसमें उनके पिता के एक दोस्त ने बैग उनके घर पर छोड़ दिया था. जिसमें एक शतरंज रखा हुआ था. बस वहीं से उनका और शतरंज का सिलसिला शुरू हुआ और वह अब इसे और चाव से खेलना शुरू कर चुकी हैं. इतना ही नहीं उन्होंने इसके हर छोटे-बारीक दांव-पेंज सीखे हैं.

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