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Bought a newborn for just ₹90,000, sold it for ₹35 lakhs after making an IVF baby

Doctors: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में पुलिस ने डॉक्टर्स (Doctors) के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो किराए पर कोख देकर बच्चों की बिक्री कर रहा था. पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.यह गिरोह कमज़ोर वर्ग की महिलाओं को अपना शिकार बनाता था और उनसे सरोगेसी करवाता था.

बाद में इन बच्चों को ज़रूरतमंद दम्पतियों को बेच दिया जाता था. एक दम्पति को डीएनए टेस्ट से पता चला कि सरोगेसी से पैदा हुआ बच्चा उनका नहीं था. इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।

Doctors ऐसे देते थे लालच

Surrogacy
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हैदराबाद पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी डॉ. (Doctors) ए. नम्रता (64) अपने सहयोगियों और एजेंटों के साथ मिलकर कमजोर महिलाओं, विशेषकर गर्भपात कराने वाली महिलाओं को अपना शिकार बनाती थीं और उन्हें गर्भधारण जारी रखने के लिए पैसे या अन्य प्रलोभन देती थीं.

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी-उत्तरी क्षेत्र) एस रश्मि पेरुमल ने कहा कि इन नवजात शिशुओं को सरोगेसी के माध्यम से गर्भाधान किए गए शिशुओं के रूप में प्रस्तुत किया गया था और भावी माता-पिता को यह विश्वास दिलाया गया था कि ये बच्चे जैविक रूप से उनके हैं.

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कैसे खुला इस पूरे मामले का राज?

बच्चे की शक्ल उसके माता-पिता से अलग होने और उसकी लगातार बीमारी के शक में, दंपत्ति ने डॉ. (Doctors) नम्रता से डीएनए टेस्ट कराने की अपील की. नम्रता ने मना कर दिया और उन्हें धमकाया। यह कहते हुए कि उसका पति वकील है, उन्होंने धमकी दी कि उन्होंने बिना अनुमति के अवैध रूप से सरोगेट बच्चा प्राप्त किया है और यदि वे कानून के तहत कार्रवाई करेंगे तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

पीड़ित दम्पति ने जब दिल्ली की एक लैब में डीएनए टेस्ट कराया तो पता चला कि बच्चे का डीएनए उसके पति का डीएनए नहीं था. उन्होंने राजस्थान महिला सृष्टि केंद्र के संचालकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके पति के शुक्राणु के बजाय किसी और के शुक्राणु का उपयोग करके बच्चा पैदा करके उनके साथ धोखा किया गया है.

पीड़िता ने पुलिस से की शिकायत

डीसीपी ने खुलासा किया कि असम की एक गर्भवती महिला को दिल्ली से विशाखापत्तनम लाया गया और वहां उसका प्रसव कराया गया तथा उसके बच्चे को राजस्थान के एक दम्पति को यह विश्वास दिलाकर सौंप दिया गया कि यह सरोगेट बच्चा है. उन्होंने बताया कि बच्चा बेचने वाली दिल्ली की महिला को 90,000 रुपये दिए गए थे. इसके साथ ही, इस मामले में डॉ. (Doctors) नम्रता और सृष्टि टेस्ट ट्यूब सेंटर के कर्मचारियों के खिलाफ बाल तस्करी का मामला दर्ज किया गया है, डीसीपी ने बताया. उन्होंने कहा कि अगर नम्रता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए, तो और भी बातें सामने आ सकती हैं.

बता दें की नौ महीनों के दौरान, जोड़े ने क्लिनिक को कई भुगतान किए. इस साल जून में, शिकायतकर्ता को बताया गया कि सरोगेट महिला ने विशाखापत्तनम में सी-सेक्शन के ज़रिए एक लड़के को जन्म दिया है। पुलिस ने बताया कि क्लिनिक ने प्रक्रियाओं के नाम पर दंपति से परामर्श शुल्क के रूप में 35 लाख रुपये से ज़्यादा वसूले। उन्होंने कहा कि वे सरोगेसी के लिए आए जोड़ों का डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और उनसे पूछताछ कर रहे हैं.

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