Pakistan: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) हमेशा किसी ना किसी विवाद के चलते चर्चा में बना रहता है। लेकिन इस बार पाकिस्तान ने ऐसा कुछ किया है जिससे वह दुनिया में कुछ अच्छी वजह से चर्चा में बना है। पाकिस्तान ने गाय के गोबर से एक जबरदस्त प्रयोग किया है। जी हां, पाकिस्तान ने गाय के गोबर से ईंधन बनाया है और इसका इस्तेमाल बसों को चलाने में किया जा रहा है। पाकिस्तान (Pakistan) का यह प्रयोग इतना सफल रहा है कि हर जगह इसकी चर्चा हो रही है। इतना ही नहीं, इससे वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिल रही है।
पाकिस्तान ने बनाया गाय के गोबर से ईंधन
आपको बता दें कि पिछले कई सालों से पाकिस्तान (Pakistan) के कराची शहर में 200 से ज़्यादा बसों का बेड़ा गाय के गोबर से चलाया जा रहा है। यानी इन बसों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन पूरी तरह से गाय के गोबर से बना है। कराची शहर में ग्रीन बस रैपिड ट्रांजिट (BRT) नाम का एक बस नेटवर्क है। जो अपनी बसों को चलाने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल करता है।
कराची में BRT नेटवर्क पर चलती है गोबर से बसें
पिछले कई सालों से पाकिस्तान (Pakistan) के कराची शहर में 200 से ज़्यादा बसों का बेड़ा गाय के गोबर से चलाया जा रहा है. कराची शहर में ग्रीन बस रैपिड ट्रांजिट (BRT) नाम का एक बस नेटवर्क है जो अपनी बसों को चलाने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल करता है। ये बसें गाय के गोबर यानी बायो मीथेन गैस से चलती हैं। पाकिस्तान में 4 लाख से ज़्यादा गाय और भैंस हैं। इस प्रोजेक्ट को संयुक्त राष्ट्र समर्थित ग्रीन क्लाइमेट फंड और एशियाई विकास बैंक ने भी आर्थिक मदद की थी।
ईंधन बनाने में कैसे होता है गोबर का उपयोग
इसमें बैक्टीरिया गाय के गोबर के साथ प्रतिक्रिया करके मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसें बनाते हैं। मीथेन को अलग किया जाता है। फिर इसे बस डिपो में सीएनजी टैंकों में ले जाया जाता है।
पाकिस्तान (Pakistan) के कराची में गाय और भैंस जैसे चार लाख दुधारू पशु हैं। वहां के प्रशासन ने अब इनके गोबर से गैस बनाकर उसे ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला किया है। पाकिस्तान (Pakistan) के स्थानीय प्रशासन दुधारू पशुओं के गोबर को इकट्ठा करेगा, जिसके बाद उससे बायो मीथेन बनाकर बसों में सप्लाई किया जाता है।
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