Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां अंधविश्वास की चपेट में आकर एक व्यक्ति ने 3 साल के मासूम बच्चे की बलि दे दी। आरोपी ने यह हैवानियत अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए की, जिससे वह जल्द ठीक हो जाए। इस सनसनीखेज वारदात ने पुलिस और स्थानीय लोगों हिला कर रख दिया है। आइए आपको इस बारे में बताते है विस्तार से….
अंधविश्वास में ली मासूम बच्चे की जान

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर जिले से दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है, जहां अंधविश्वास में डूबे एक शख्स ने अपने बेटे के इलाज के लिए 3 साल के मासूम की बलि दे दी। यह वारदात 1 अप्रैल 2024 को हुई थी, लेकिन इसका खुलासा अब 15 महीने बाद हुआ है, जब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर घटना की पूरी कहानी उजागर की।
यह भी पढ़ें: विराट कोहली हैं जिम्मेदार! बेंगलुरु भगदड़ केस में कर्नाटक सरकार ने सौंपी रिपोर्ट
बेटे के इलाज के लिए की हत्या
आरोपी की पहचान राजू कोरवा के रूप में हुई है, जो बलरामपुर (Chhattisgarh) जिले के कुसमी थाना क्षेत्र के सबाग गांव का रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी का बड़ा बेटा मिर्गी और मानसिक रोग से पीड़ित था। राजू को किसी तांत्रिक ने कहा था कि अगर वह किसी बच्चे की बलि देता है, तो उसका बेटा ठीक हो जाएगा। इसी अंधविश्वास में अंधे होकर उसने अपने गांव के ही 3 वर्षीय मासूम को मिठाई का लालच देकर घर बुलाया और उसकी बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद आरोपी ने बच्चे का धड़ पास के नाले में जलाकर फेंक दिया, जबकि सिर को तीन दिनों तक घर में छिपाकर रखने के बाद जमीन में गाड़ दिया। जब मासूम के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई, तब पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन शुरुआती महीनों तक कोई सुराग नहीं मिला।
आरोपी ने कबूल किया जुर्म
हालांकि, 15 महीने की गहन छानबीन और ग्रामीणों की मदद से पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और पुलिस को उस जगह तक ले गया जहां उसने बच्चे का सिर दफनाया था। आरोपी के खिलाफ हत्या, अपहरण और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।
यह भी पढ़ें: दिग्गज ऑलराउंडर ने दिया फैंस को झटका, इस सीरीज के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से लेगा संन्यास