Cockroaches: क्या आपने कभी सोचा है कि अगले युद्ध में कॉकरोच दुश्मन के बंकर में घुसकर जासूसी करेंगे? और वो भी माइक्रोफ़ोन के साथ? अगर नहीं सोचा है, तो सोच लीजिए… क्योंकि जर्मनी ऐसा ही करने जा रहा है! जर्मन स्टार्टअप हेलसिंग एक ऐसी सेना बना रहा है.
जिसमें कमांडो की जगह टैंक जैसे दिखने वाले AI रोबोट, समुद्र में तैरती छोटी पनडुब्बी और दीवारों में घुसकर सुनने वाले जासूसी कॉकरोच (Cockroaches) होंगे। हेलमेट के नीचे दिमाग नहीं, बल्कि एक डेटा सेंटर होगा और मशीन गन नहीं, मशीन लर्निंग का इस्तेमाल होगा।
अब जासूसी करेगा Cockroaches
AI weapons, drones and spy cockroaches reshape German military
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— Khabarwalay (@_khabarwalay) July 23, 2025
जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने स्टार्टअप्स से कहा था कि हमारे पास पैसा है, हिम्मत है, तो अब हमें दुनिया हिला देनी है! फिर क्या था, ARX रोबोटिक्स, हेलसिंग जैसी कंपनियाँ मैदान में कूद पड़ीं। लोगों ने टर्मिनेटर और टॉम एंड जेरी का कॉम्बिनेशन बनाना शुरू कर दिया। जर्मन स्टार्टअप अब जासूसी कॉकरोच जैसे अत्याधुनिक हथियार, टैंक और मिनी पनडुब्बी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट बना रहे हैं और इन्हें देश की सैन्य नीति का हिस्सा बनाया जा रहा है.
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दुश्मन को सिखाएगा सबक
Scientists in Japan reckon these cyborg cockroaches could soon be helping in search and rescue missions ⤵️ pic.twitter.com/7UKtZyIf1p
— Al Jazeera English (@AJEnglish) September 30, 2022
आपको जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में हेलसिंग का मूल्यांकन 12 अरब डॉलर तक पहुँच गया है. ये कॉकरोच (Cockroaches) कोई साधारण कीड़े नहीं हैं, ये ऐसे एजेंट हैं जो दीवार पर चढ़कर दुश्मन की बातचीत रिकॉर्ड कर लेंगे। निशाना हैरान रह जाएगा कि दीवार में छेद कहाँ था? ये माइक्रोफोन और सेंसर से लैस होते हैं और चुपचाप दुश्मन की सीमा में घुसपैठ कर सकते हैं। ARX रोबोटिक्स भी ऐसे ही AI टैंक विकसित कर रहा है.
गोलियाँ नहीं, बल्कि कीड़ों का इस्तेमाल
अब पहली बार यूरोप रक्षा तकनीक पर अमेरिका से अधिक खर्च कर रहा है और जर्मनी 2029 तक 162 बिलियन यूरो का निवेश करने जा रहा है। यह सारा पैसा इन उच्च तकनीक वाले खिलौनों पर खर्च किया जाएगा। क्योंकि उन्हें पता है कि युद्ध अब सिर्फ़ बम-बारूद का खेल नहीं रहा। अब जो एल्गोरिथम में आग लगाएगा, वही युद्ध जीतेगा! जब कॉकरोच पहले पहुँच जाएगा तो कमांडो क्या करेगा? क्योंकि अगले युद्ध में गोलियाँ नहीं, बल्कि कीड़ों का इस्तेमाल होगा! और दुश्मन सोचेगा – कैसा कीड़ा गिर गया?