Uttarpradesh-Cousin-And-Cousin-Sisters-Fell-In-Love-With-Each-Other-Got-Married-Secretly-Both-Families-Were-Hell-Bent-On-Killing-Them

Uttarpradesh: उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) के मुजफ्फरनगर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में सभी को हैरान कर दिया है। यहाँ ममेरी बहन निकिता और फुफेरी बहन दीपांशी ने समाज और परिवार के विरोध के बावजूद गुपचुप शादी रचा ली और अब पति-पत्नी की तरह साथ रह रही हैं।  सामने आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों के परिवार में आक्रोश का माहौल है, और एक दूसरे की जान तक लेने के लिए राजी है।

जीवनभर साथ रहने का किया फैसला

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बताया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh)की रहने वाली ये दोनों बहने करीब डेढ़ साल पहले निकिता और दीपांशी एक-दूसरे के करीब आईं। उनका रिश्ता धीरे-धीरे गहरे प्रेम में बदल गया। दोनों ने तय किया कि वे जीवनभर साथ रहना चाहती हैं। लेकिन परिवार और समाज से इस रिश्ते को मंजूरी मिलने की संभावना न देखते हुए उन्होंने गुपचुप रूप से खुद ही शादी करने का फैसला लिया।

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घर छोड़ कर रचाई शादी

खबरों की माने तो 26 फरवरी को दोनों घर से निकलकर गाजियाबाद  (Uttarpradesh)  पहुंचीं थी, जहाँ किराए के मकान में रहने लगीं। इस दौरान निकिता के पिता ने बेटी के अपहरण की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। मामला दर्ज होते ही पुलिस ने तलाश शुरू की और दोनों को थाने बुलाया।

थाने पहुंचने पर निकिता दुल्हन के रूप में, माथे पर सिंदूर लगाए दिखीं। वहीं दीपांशी ने स्पष्ट कहा कि उन्हें लड़कों में कोई रुचि नहीं है और निकिता ही उनकी जीवनसंगिनी हैं। उन्होंने बताया कि दोनों ने मंदिर में शादी कर ली है और अब साथ रहना चाहती हैं।

पुलिस ने की मदद

परिवार के विरोध और जान से मारने की धमकियों के बीच दोनों ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई। पुलिस ने उनकी बात सुनी और उन्हें साथ रहने की अनुमति दी। चूंकि भारत में समान-लिंग विवाह कानूनी रूप से मान्य नहीं है, इसलिए पुलिस ने इसे “लिव-इन रिलेशनशिप” के रूप में दर्ज किया और दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।

परिवार कर रहा विरोध

हालांकि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 हटाकर समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, लेकिन भारत में समान-लिंग विवाह को अभी भी कानूनी मान्यता नहीं मिली है। यही कारण है कि दोनों का रिश्ता सामाजिक स्वीकृति से दूर है। परिवार इस रिश्ते का विरोध कर रहा है, जबकि सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर बहस जारी है।

यह मामला प्रेम, स्वतंत्रता और सामाजिक मान्यताओं के टकराव का उदाहरण है, जिसमें दो महिलाएं अपनी मर्जी से जीवन जीने का अधिकार मांग रही हैं, भले ही इसके लिए उन्हें समाज के दबाव का सामना करना पड़े।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...