Daati Maharaj Got Into Trouble For Doing Disgusting Things With His Disciple, Will Get Severe Punishment Of So Many Years

Daati Maharaj : दिल्ली कि कोर्ट ने असोला स्थित शनि मंदिर के प्रमुख मदन राजस्थानी यानि दाती महाराज (Daati Maharaj) पर चल रहे दुष्कर्म के आरोपों को तय कर दिया हैं. इसके साथ ही उसके दो भाई को भी इस केस में आरोपी साबित किया गया हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने दाती महाराज समेत अन्य पर मुकदमा चलाने के निर्देश दिए हैं. वहीं इस दौरान दुष्कर्म के केस में दाती महाराज व अन्य ने अपराध स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया है और वे इसका सामना करेंगे.

Daati Maharaj पर कोर्ट ने पुख्ता किया आरोप

Daati Maharaj

यह मामला उनके (Daati Maharaj) एक शिष्य की याचिका पर दर्ज किया गया था. एक अदालत ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज और उनके दो शिष्यों अशोक और अर्जुन को बलात्कार, अनाचार सेक्स और आपराधिक तरीकों से प्रताड़ित करने के केस में दोषी पाया गया था. अब कोर्ट ने उनके आरोप तय किए हैं. यह मामला एक महिला द्वारा उनके विरुद्ध लगाया गया था.

जिसमें उन्होंने दाती महाराज (Daati Maharaj) और उनके सहयोगियों पर आश्रम में उनके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया है. अदालत ने जांच के बाद दाती महाराज और उनके सहयोगियों अशोक व अर्जुन के खिलाफ आरोप तय किए, जबकि उनके एक अन्य भाई अनिल को जमानत से मुक्त कर दिया गया है.

 दाती महाराज पर चलेगा मुकदमा

Dati Maharaj

इस फैसले से दाती महाराज (Daati Maharaj) और उनके अनुयायियों पर कानूनी मुकदमा चलने की आशंका है. और उन्हें आगे की अदालत में सजा का सामना करना पड़ेगा. साकेत जिला कोर्ट में विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज नेहा ने मदन राजस्थानी और उनके दो साथियों अशोक और अर्जुन के खिलाफ आरोप तय किए. कोर्ट ने एक आरोपी अनिल को ज्ज्मनत पर रिहा कर दिया है. अदालत ने मदन राजस्थानी (Daati Maharaj) के खिलाफ उनके भाई अशोक और अर्जुन के खिलाफ धारा 376, 377, 506 के तहत आरोप सिद्ध किए हैं.

दाती महाराज के साथ तीन और लोगों पर भी केस

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अदालत ने 18 अक्टूबर की तारीख दी है जिसमें अभियोजन पक्ष की दलील पेश की जा सकेगी. वकील प्रदीप तिवारी ने कहा कि अदालत ने दाती महाराज नी यानि मदन लाल राजस्थानी और उनके सहयोगियों अशोक और अर्जुन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 506 (अपराधिक खतरनाक) और अन्य 34 (साझा मंसूबा रखने) के तहत आरोप लगाए गए हैं. दाती महाराज के खिलाफ यह मामला 7 जून 2018 को दर्ज हुआ, जब उनके एक शिष्य ने दक्षिण दिल्ली के मुजफ्फरनगर बेरी पुलिस स्टेशन में अपने और उनके (Daati Maharaj) तीन सहयोगियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

2018 में एक शिष्या ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप

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शिष्या ने आरोप लगाया था कि दाती महाराज (Daati Maharaj) ने दिल्ली और राजस्थान में अपने आश्रमों में स्थित उनके साथ बलात्कार किया था. इस याचिका के आधार पर 11 जून 2018 को रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इसके बाद 22 जून को पुलिस ने दाती महाराज से पूछताछ की. बाद में इसे अक्टूबर में क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. 2019 में रेप और धमकी देने के संगीन आरोप एक शिष्या द्वारा लगाए गए थे. जिसमें दाती महाराज और उनके तीन दोस्त-अशोक, अर्जुन और अनिल को आरोपी बताया था.

सीबीआई ने आरोप किया साबित

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इस बीच केस सीबीआई के पास गया था. जिसने जांच की और 4 सितंबर, 2020 को दाती और उनके दो सहकर्मियों के खिलाफ रेप के आरोप में दिल्ली पुलिस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी. 2018 में दर्ज याचिका में आरोप लगाया गया था कि 2016 में शिष्या के साथ दुष्कर्म किया गया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजस्थान के आश्रमों में उनके साथ बार-बार दुर्व्यवहार किया गया था. उन्होंने कहा कि उनकी (Daati Maharaj) पहली शिकायत दर्ज नहीं की गई क्योंकि उन्हें स्वयंभू भगवान दाती महाराज (Daati Maharaj) का डर बना हुआ था.

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