Devmali Village: अगर आप भी है घूमने के बेहद शौकीन और आप कर रहे है राजस्थान घूमने का प्लान तो ये आर्टिकल आपके लिए है। जी हाँ आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जो इन दिनो खूब सुर्खियों में छाया हुआ है। आपको बता दें, इस गांव (Devmali Village) को हाल ही में भारत का सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव घोषित किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार 27 नवंबर को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इस गांव को सम्मानित भी करेगी। तो आइए जानते है इस गांव के बारें में…
बेस्ट टूरिस्ट विलेज बना Devmali
हम जिस गांव की बात कर रहे हैं राजस्थान के ब्यावर जिले के देवमाली गांव (Devmali Village) की है। आपको बता दें, देवमाली गांव (Devmali Village) हाल ही में “सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव” के रूप में चुना गया है, और इसके पीछे इसकी अनूठी परंपराएं और सामाजिक व्यवस्था है। इस गांव की सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां के घरों में कोई ताला नहीं लगाया जाता, फिर भी कभी चोरी की घटना नहीं होती। यह बात इस गांव के लोगों के बीच गहरे विश्वास और आपसी सम्मान को दर्शाती है। देवमाली अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है, जो पर्यटकों के लिए इसे एक खास आकर्षण का केंद्र बनाता है।
3000 बीघे जमीन भगवान देवनारायण को समर्पित
देवमाली गांव (Devmali Village) के बारे में एक अनोखी बात सामने आई है जो इसे अन्य गावों को तुलना में काफी अलग बनाती है। बताया जाता है कि गांव की करीब 3000 बीघे जमीन भगवान देवनारायण को ही समर्पित है। बताया जाता है कि भले ही गांव के निवासी, भले ही वर्षों से गांव में रह रहे हों, बावजूद इसके उनके पास ज़मीन के स्वामित्व से संबंधित कोई दस्तावेज़ नहीं है।
ग्रामीणों के लिए गांव की जमीन भगवान देवनारायण की है। रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन स्थलों के रूप में लोकप्रियता और स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने में इस गांव की महत्वपूर्ण भूमिका के आधार पर इस गांव का चयन किया गया है। देवमाली के लोग भगवान देवनारायण के सच्चे विश्वासी हैं।
ना घर में कोई लगाता है ताला ना कभी हुई चोरी
इस गांव में कोई स्थायी घर यानी पक्का मकान नहीं है। प्रत्येक देवमाली (Devmali Village) घर फूस की छत वाला मिट्टी का घर है। गांव में कोई भी व्यक्ति न तो मांसाहारी भोजन करता है और न ही शराब का सेवन करता है। साथ ही केरोसीन और नीम की लकड़ी जलाने पर भी यहां बैन लगा हुआ है। यह भी बताया जाता है कि गांव के किसी भी घर में ताले नहीं लगे हैं। कई दशकों से यहां चोरी या डकैती का कोई मामला सामने नहीं आया है।