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Rakshabandhan : आज भाई-बहिन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन (Rakshabandhan) पूरे देश में मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार का विशेष महत्व है. वैदिक पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी रहने वाला है. ऐसा ही है जब भी भद्रा होती है तो इस दौरान राखी बांधना शुभ नहीं होता है. राखी हमेशा भद्राकाल के बाद ही बनती है. ऐसे में ज्योतिषियों कि माने तो दोपहर 1.30 बजे तक भद्रा रहेगा. इस कारण राखी बांधने का काम दोपहर 1.30 बजे के बाद ही शुरू होगा.

रक्षाबंधन पर इस समय राखी बांधना है अशुभ

Rakshabandhan

रक्षाबंधन (Rakshabandhan) पर भद्रा के लिए चौघड़िया, किसी भी प्रकार का विशेष काल नहीं देखा जाता है. भद्रा समाप्त होने के बाद बहिनें कभी भी अपने भाईयों को राखी बांध सकती हैं. वैसे तो रात में रक्षा बंधन बनाने का विधान किसी ग्रंथ में नहीं है लेकिन किसी कारण से दिन में रक्षा बंधन नहीं मना पा रहे तो सूर्यास्त के बाद भी राखी बांधने की परंपरा है. पंचाग के अनुसार भद्रा 18 अगस्त की अर्धरात्रि में 2 बजकर 21 मिनट से लगेगी. यह दूसरे दिन यानी 19 तारीख को दोपहर 1 बजे 24 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषियों ने बताया कि इस समय पूर्णता के बाद ही राखी बांधना सर्वश्रेष्ठ रहेगा.

भद्रा काल में राखी बांधना रहता है अशुभकारी

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सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 19 अगस्त को 3 बजकर 5 मिनट पर होगी और रात 11 बजे 56 मिनट पर समाप्त होगी. रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा और पूर्णिमा तिथि का व्रत भी इसी दिन होगा. पाताल लोक में भद्रा मकर राशि में रहने के कारण भद्रा पाताल लोक में रहती है, इसलिए रक्षाबंधन (Rakshabandhan) वाले दिन भद्रा दोष भी नहीं रहता है. स्वर्ग लोक और पाताल लोक में निवास करने के चलते भद्रा विशेष अशुभ नहीं है. कुछ ज्योतिषाचार्यों ने भद्रा के अंतिम तीन घटी को भद्रा का पुच्छ के शुभ संकेत दिया है.

आज दोपहर 1.30 बजे बाद से बांधेंगे राखी

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भद्रा के पुच्छ भाग अशुभ माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्राकाल का एक विशेष समय बताया गया है. इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. आज 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन पर 7 घंटे 39 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा. रक्षाबंधन (Rakshabandhan) पर आज राखी बांधने का पहला शुभ उत्सव दोपहर 1.32 बजे से 4.03 बजे तक रहेगा. उसके बाद दूसरा शुभ अवसर शाम 6.39 बजे से 8.52 बजे तक रहेगा.

भद्राकाल का आरंभ और भद्राकाल की समाप्ति

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इस बार दो साल बाद रात के बजाय एक दिन में भी राखी बांधी जा सकती है. इस बार 30 साल बाद राखी पर्व पर सूर्य और शनिदेव स्वराशि में रहेंगे. ज्योतिषों के अनुसार राखी बांधने के लिए आज बहिनों इंतजार करना होगा. इस बार रक्षाबंधन (Rakshabandhan) पर कई घंटे तक भद्रा का साया रहेगा. बहिनें दोपहर 1.32 बजे के बाद अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती है. इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग और रवि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है.

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