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Robots For Indian Army : देश की सीमाओं को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना (Robots For Indian Army) ऐसी तैयारी कर रही है कि अब परिंदा भी उन पर नहीं उड़ पाएगा। सेना संवेदनशील इलाकों में घुसपैठ रोकने के लिए सैनिकों के साथ रोबोट तैनात करने की तैयारी कर रही है, जिसके बाद दुश्मनों के लिए देश की सुरक्षा में सेंध लगाना नामुमकिन हो जाएगा।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक सैन्य अभियानों के लिए ह्यूमनॉइड रोबोट पर काम कर रहे हैं। इसके पीछे उनका मकसद सैनिकों के लिए जोखिम को कम करना है।

DRDO बना रहा है भारतीय सेना के लिए रोबोट्स

Robots For Indian Army

डीआरडीओ के तहत इंजीनियरों की एक प्रमुख प्रयोगशाला अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान एक ऐसी मशीन विकसित कर रहा है जो सीधे मानव आदेश के तहत जटिल कार्यों को करने में सक्षम होगी। इसका मकसद उच्च जोखिम वाले वातावरण में सैनिकों (Robots For Indian Army) की मुश्किलों को कम करना है। डीआरडीओ के इस लड़ाकू रोबोट का हाल ही में पुणे में आयोजित एडवांस्ड लेग्ड रोबोटिक्स पर राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रदर्शन किया गया।

क्या है इन रोबोट्स की क्षमताएं?

Robots For Indian Army

डीआरडीओ के सेंटर फॉर सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज के ग्रुप डायरेक्टर एस. ई. टैलोले ने इस बारे में कहा, “इन सिस्टम की एक बहुत ही खासियत यह है कि ये सभी तरह के इलाकों में चल सकते हैं। जहां ये रोबोटिक सिस्टम को ट्रैक कर सकते हैं, जो वास्तव में चल नहीं सकते।”

उन्होंने कहा, “दूसरी बात, जब इंसानों की तरह दो पैरों पर चलने वाले रोबोटिक (Robots For Indian Army)(Robots For Indian Army) सिस्टम की बात आती है, तो वे इंसानों के लिए बनाए गए वातावरण में काम कर सकते हैं। वे इंसानों के लिए बनाए गए औजारों का इस्तेमाल कर सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे सभी तरह के इलाकों में चल सकते हैं। उनमें सभी तरह की क्षमताएं हैं।”

DRDO के द्वारा बनने वाले रोबोट्स का उद्देश्य

 

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परियोजना अभी विकास के चरण में है फिलहाल रोबोट उन्नत विकास चरण में है। डेवलपर्स की टीम ऑपरेटर के आदेशों को सटीकता के साथ समझने और निष्पादित करने की रोबोट (Robots For Indian Army) की क्षमता को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ई. टैलोले कहते हैं, “जब सैन्य मामलों और रक्षा की बात आती है, तो मानवरूपी रोबोट का इस्तेमाल निगरानी उद्देश्यों, युद्ध इंजीनियरिंग और लड़ाकू समर्थन के लिए किया जा सकता है। जब पैरों वाले रोबोट की बात आती है तो उनका इस्तेमाल रसद के लिए किया जा सकता है।”

बम को खोजने में भी समर्थ रहेंगे रोबोट्स

Robots For Indian Army

भारतीय सेना सीमा पार के दुश्मनों और देश के भीतर सक्रिय दुश्मनों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती है। दुश्मन को परास्त करते हुए सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है। हालांकि इस नए शोध से जवानों की कीमती जान बच जाएगी। आतंकी भीड़भाड़ वाली जगहों पर जानमाल के नुकसान की नीयत से बम लगाते हैं। अब रोबोट (Robots For Indian Army) ऐसी जगह रखे बम को खोजने की जिम्मेदारी लेने जा रहा है।

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मेरा नाम यश शर्मा है। मूलतः मैं राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क़स्बे...