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Education In Jail : कारागृह ऐसी जगह है जहां पर लोग अपना गत जीवन बिगाड़कर आते है और भविष्य सुधारकर जाते है। जेल में रहकर वह अपने भविष्य के सुधार को लेकर सजग होते है और इसके लिए वहां के ऑफिसर्स भी उनकी मदद करते है और उन्हें सही रास्ता दिखाने में मदद करते है।

ऐसे में अब जेल प्रशासन ने ना सिर्फ कैदी बल्कि उनके बच्चों को सुधारने का बीड़ा भी उठाया है। 6 साल की उम्र तक के बच्चों को खाने-पीने और शिक्षा (Education In Jail) तक की सभी सुविधा दी जाती है।

रांची की जेल में पढ़ेंगे कैदियों के बच्चे

Education In Jail

दरअसल झारखंड के रांची में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में अब कैदियों के इन बच्चों को भी शिक्षा का अवसर मिलेगा। क्योंकि राज्य सरकार ने जेल में शिक्षा (Education In Jail) शुरू कर दी है। फिलहाल 11 ऐसे बच्चों की पहचान की गई है जिनकी उम्र 6 साल से कम है और ये सभी अपनी माताओं के साथ जेल में बंद हैं।

जल्द ही ये बच्चे शिक्षा का हिस्सा बनेंगे। जहां इन्हें पढ़ाई के साथ खेल-खिलौनों का लाभ मिलेगा। इन बच्चों को सभी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी। बच्चों को प्राथमिक शिक्षा, खिलौने, झूले और खेल के सामान से शिक्षित किया जाएगा।

बच्चों के शारीरिक विकास पर भी देंगे ध्यान

Education In Jail

जेल में बच्चों को पोषण कार्यक्रम, प्रारंभिक शिक्षा (Education In Jail) और पौष्टिक भोजन मिलेगा। इसके अलावा बच्चों की मेडिकल जांच कराई जाएगी और उनके शारीरिक विकास पर भी नजर रखी जाएगी। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार, रांची में सजा काट रही महिला कैदियों ने जेल प्रशासन से आग्रह किया था कि उनके बच्चों को जेल के बाहर अच्छी शिक्षा मिले।

जेल के अंदर उनका भविष्य खराब हो सकता है। चारों महिलाओं के आवेदन पर सहमति जताते हुए जेल प्रशासन ने बाल कल्याण समिति, रांची इकाई से इन महिलाओं के बच्चों (Education In Jail) को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का अनुरोध किया।

6 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगी जेल में शिक्षा

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वहीं जिन बच्चों की उम्र 6 वर्ष पूरी हो जाती है और जेल के बाहर इनका कोई परिजन नहीं है तो बाल कल्याण समिति इनका जिम्मा उठाएगी। इसके लिए समिति ने जेल प्रशासन के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद सीडब्ल्यूसी की टीम ने चार बच्चों को जेल से भी बाहर निकाला है।

सीडब्ल्यूसी की टीम को चारों बच्चे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से मिले हैं। अब इन बच्चों की देखभाल और शिक्षा (Education In Jail) बाल कल्याण समिति की ओर से की जाएगी।

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