गुजरात के कच्छ में महिला कल्याण केंद्र को साढ़े 6 साल पहले एक दिन का बच्चा मिला था, मगर उस वक़्त किसी ने नहीं सोचा था कि उस बच्चे के भाग्य मे परदेश लिखा हुआ है। अनाथालय में बड़े हुए इस मूक-बधिर बच्चे को स्पेन की एक महिला ने गोद ले लिया है। बच्चे की विदाई हुई सबकी आंखे भर आई। संस्था की लड़की ने इस बच्चे को अपने सगे भाई से भी बढ़कर प्यार किया था, मगर जब उन्हे मालूम हुआ कि अब वह उनसे जुदा हो रहा है तो लडकियों कि आंखो से आंसू थमने का नाम नही ले रहे थे।
हर्ष का भविष्य अब स्पेन
रिपोर्ट अनुसार, इस बच्चे का नाम हर्ष रखा गया था। उसके पैदा होने के दूसरे ही दिन उसके माता-पिता कच्छ में छोड़ कर चले गए थे। अनाथालय मे लाने के तीन से चार माह बाद पता चला कि वह गूंगा-बहरा है। अनाथालय में उसे कोकेल थैरेपी का सहारा दिया गया।
वह आज मशीन से सुन सकता है और कुछ कुछ बोल भी सकता है। बच्चे के बारे में बताते हुए कच्छ बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन दीपाबेन ने कहा कि, हर्ष का भविष्य अब स्पेन में होगा।’
थैंक्यू इंडिया- नोर्मा मार्टिनीस
चेयरपर्सन दीपाबेन ने आगे कहा कि, ”कच्छ महिला कल्याण केंद्र और कारा संस्था के सहयोग से बच्चों का पालन किया जाता है। हर्ष को गोद लेने वाली महिला का नाम नोर्मा मार्टिनीस है, जो स्पेन की रहने वाली है।
नोर्मा मार्टिनीस ने बहुत समय पहले ही हमसे संपर्क किया था, मगर लॉकडाउन के कारण वह 6 महीने बाद इंडिया आ सकीं। उन्होंने हर्ष को कानूनी कारवाई करके से गोद लिया है। नोर्मा मार्टिनीस स्पेन की सिंगल मदर हैं। नोर्माने हर्ष को गोद में लेकर कहा- थैंक्यू इंडिया, मुझे इस बच्चे का मातृत्व देने के लिए।
पुलिस अधिकारी भी भावुक
नोर्मा मार्टिनीस ने आश्रम के हर व्यक्ति को थैंक्यू कहा । यह नजारा देख कर कच्छ के पुलिस अधिकारी सौरभ सिंह भी भावुक हो गए और वह कुछ कहते हुए ठहर गए। उन्होंने कहा कि जिंदगी में पहली बार ऐसा मंजर देखा।’ जब संस्था ने हर्ष को उसकी मां नोर्मा के सौंपने की तैयारी की तो वह भी बहनों से लिपटकर रोने लगा। उसे रोता हुआ देखकर संस्था की सभी लड़कियां भी रोने लगीं।