India national football team: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने 6 जून को जब सन्यास का फैसला लिया तो भारत के साथ साथ पूरी दुनिया के फुटबॉल प्रेमियों की आंखे नम हो गईं थी। रोनाल्डो और मैसी के बाद कोई सबसे ज्यादा लोकप्रिय फुटबॉलर हैं तो वो हैं सुनील छेत्री जिन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम को देश और दुनिया में अलग ही पहचान दिलवाई है। वहीं, सुनील के संन्यास के बाद अब नए कप्तान का भी ऐलान हो गया है। ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी की मैदान पर सुनील छेत्री के बिना भारतीय फुटबॉल टीम (India national football team) कैसा प्रदर्शन करेगी और क्या ये नए कप्तान सुनील जैसे लीडर की कमी को पूरा कर पाएंगे।
India national football team का नया कप्तान

भारत के सबसे बड़े गोल स्कोरर सुनील छेत्री के बाद अब टीम की कमान गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू (Gurpreet Singh Sandhu) को सौंपी गई है। 11 जून को भारत जसीम बिन हदम स्टेडियम में कतर के खिलाफ 2026 फीफा वर्ल्ड कप क्वॉलिफाइंग मैच खेलने वाला है। और इस अहम मैच में भारतीय फुटबॉल टीम पहली बार सुनील छेत्री के बिना और नए कप्तान गुरप्रीत के साथ उतरेगी। इस निर्णायक मैच के लिए भारतीय टीम (India national football team) दोहा भी पहुंच गई है वहीं अगर भारत इस मैच को जीत जाता है कि तो वो वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर के तीसरे चरण में पहली बार पहुंच जाएगा।
अनुभवी खिलाड़ी हैं Gurpreet Singh Sandhu

गुरप्रीत (Gurpreet Singh Sandhu) को टीम का नया कप्तान बनाने को लेकर कोच स्टिमक का कहना है कि उन्हें कप्तानी सौंपना कोई मुश्किल काम नहीं था क्योंकी गुरप्रीत टीम में सबसे एक्सपीरियंसड खिलाड़ी हैं और अपने करियर में वह अभी तक 71 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। इसके साथ ही स्टिमक ने कहा कि “गुरप्रीत बीते 5 सालों में सुनील और संदेश के साथ कई मैचों में कप्तान की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं और सही मायनों में सुनील के बाद वही इस पद के हकदार भी हैं”
ऐसे में अब सबकी निगाहें भारत (India national football team) के नए कप्तान और 11 जून को होने वाले अहम मुकाबले पर रहने वाली है आपको बता दें कि कतर के खिलाफ होने वाले अगले मैच में अगर भारत हार जाता है तो टीम वर्ल्ड कप के तीसरे चरण के क्वालीफायर से बाहर हो जाएगी, जिससे की फीफा खेलने का सपना फिर टूट जाएगा।
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं
3 फरवरी 1992 में मोहली में जन्में गुरप्रीत सिहं संधू (Gurpreet Singh Sandhu) टीम में गोलकीपर की भूमिका में नजर आते हैं। गुरप्रीत को काफी कम उम्र से ही फुटबॉल में दिलचस्पी हो गई थी जिसके कारण उन्होंने चंडीगढ़ में सेंट स्टीफंस अकादमी में शामिल होकर पंजाब राज्य की युवा टीमों में अपनी जगह बना ली थी। वहीं 2009 में वो ईस्ट बंगाल में शामिल हो गए और यहां उन्होंने अपना पेशेवर अनुबंध किया था।
हुनर की वजह से लगातार गुरप्रीत (Gurpreet Singh Sandhu) आगे बढ़ते रहे और अगस्त 2017 में उन्होंने बेंगलुरु एफसी के साथ अनुबंध कर भारत में पेशेवर फुटबॉल में वापसी की और 2018-19 में उनकी टीम ने एक लीग भी जीती। उस सीज़न अपने बेहतरीन प्रदर्शन के कारण उन्हें गोल्डन ग्लव अवार्ड का व्यक्तिगत सम्मान भी मिला। वहीं 2019 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। अब वह भारतीय टीम फुटबॉल (India national football team) के कप्तान बन गए हैं।