Hathras Stampede Satsang, More Than 100 People Injured, Countless People Lost Their Lives

Hathras Stampede : उत्तरप्रदेश के हाथरस (Hathras Stampede) जिले के सिकंदराऊ में भोले बाबा के प्रवचन के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु आए हुए थे. ऐसे में लोगों को प्रवचन के बाद जाने कि अनुमति मिली तो लोग एक-दूसरे पर टूट पड़े. निकलने कि व्यवस्था अच्छी नहीं होने के चलते लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी. इसी के चलते भगदड़ मची और भगदड़ में सैकड़ों लोगों से भी ज्यादा की जान चली गई. इस सत्संग में भगदड़ (Hathras Stampede) के दौरान मरने वालों में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं. जानकारी के अनुसार दुर्घटना में मरने वालों में बच्चों की भी जान गई है. भगदड़ मचने के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. घायलों को अस्पताल ले जाया गया. इसी के साथ कई घायलों की हालत गंभीर होने की खबर है.

हाथरस में सत्संग सुनने आए लोगों में मची भगदड़

Hathras Stampede

इस भगदड़ (Hathras Stampede) के बाद सबके मन में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ और कितने लोगों की जान चली गई. इस घटना के चश्मदीदों ने वहां का पूरा हाल बताया है. इस सत्संग में शामिल होने के लिए अपने परिवार के साथ जयपुर से आई एक महिला ने बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद लोग बाहर आने लगे. जिससे भगदड़ मच गई. (Hathras Stampede) एक अन्य चश्मदीद ने बताया, ‘हम सद्भावना कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही वहां से चले गए थे. कार्यक्रम दिन में करीब 11.30 बजे शुरू हुआ था. वहां व्यवस्था ठीक नहीं थी. धक्का-मुक्की के कारण यह घटना हुई.’ हाथरस के एटा बॉर्डर के पास रतिभानपुर में संत भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था. प्रवचन सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आए हुए थे.

बाबा के पैर छूने के चक्कर में एक-दूसरे पर गिरे लोग

Hathras Stampede

बताया जा रहा है कि सत्संग के बाद भगदड़ (Hathras Stampede) मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. दोपहर करीब 12.30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया और भोले बाबा को पीछे के दरवाजे से निकाला जा रहा था. इससे अंदर दबाव बढ़ गया. कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को रौंदकर (Hathras Stampede) निकल रहे थे. गिरकर कई लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, हाथरस में भगदड़ मचने से करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, वहीं कई घायल बताए जा रहे हैं.

इस घटना में हाथरस और एटा के रहने वाले सबसे ज्यादा लोग रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार हाथरस हादसे में सत्संग करने आए कथावाचक भोले बाबा जिला कासगंज (Hathras Stampede) के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं. इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है. भोले बाबा ने 17 साल पहले पुलिस में एसआईटी के पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू किया था.

हजारों लोगों ने गंवाई जान

Hathras Stampede

वहीं, कुछ लोगों (Hathras Stampede) ने वहां का आँखों देखा हाल बताया और कहा कि, ‘पानी की टंकियों और बारिश के पानी ने आस-पास की नालियों को भर दिया था, जिससे जमीन पूरी फूलन भरी हो गई थी.’ कुछ लोगों ने बताया कि, ‘जब गुरु जी लगभग संत्संग के समय के बाद वहां से निकले, तो भक्त (Hathras Stampede) अचानक उनके पीछे उनके पैर छूने के लिए दौड़े. जैसे ही उनकी कार वहां से निकली, वहां कई भक्त जमीन पर झुककर चरण धूल लेते दिख रहे थे. इसके बाद जब लोग वापस आये तो अचानक फिसलन भरी जमीन के कारण वे एक-दूसरे पर गिर पड़े.’ उन्होंने बताया कि वहां कम से कम हजारों लोगों की भीड़ थी.

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