Hindu Protest In Bangladesh : बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख़ हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में भीषण हिंसा भड़क उठी है. इस दौरान जनता पर भीषण अत्याचार हुआ है. कई दुकानदारों की दुकानें आग में सौंपी गईं, उनके घरों में आग लगा दी गई और सामान लूट लिया गया. इस दौरान हिंदू मंदिर में मूर्तियां तोड़ी गई और हिन्दूओं पर काफी अत्याचार हुआ है. इन सबके बीच शनिवार को हिंदू समुदाय के सैकड़ों लोगों ने ढाका की सड़कों पर प्रदर्शन (Hindu Protest In Bangladesh) किया.
बांग्लादेश देश में सड़कों पर उतरे अल्पसंख्यक हिंन्दू
प्रदर्शन (Hindu Protest In Bangladesh) कर रहे लोगों ने कहा कि यह सभी का देश है. इस पर किसी एक समुदाय का अधिकार नहीं है. इस दौरान हिन्दूओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की. बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी शहर चटगांव में हिंदू समुदाय अपनी रक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहा है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. शनिवार को लगातार दूसरे दिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्यों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए तस्वीरें भी सामने आईं.
काफी दिनों से बांग्लादेश में हिन्दूओं पर हो रहे थे अत्याचार
हिंदू समुदाय (Hindu Protest In Bangladesh) ने देश भर में पुजारी, उनके घर और ग़ुलामों पर हुए अत्याचार को रोकने की मांग की है. वे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा दायर करने में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं. अल्पसंख्यकों के लिए 10 संसदीय सीट, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने की मांग कर रहे है. मध्य ढाका के शाहबाग में हिंदू प्रदर्शनकारियों की रैली में तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात प्रभावित नजर आया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखने को मिल रहा है.
हिंन्दूओं ने मौजूदा सरकार पर रखी चार सूत्रीय मांग
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खबरों कि माने तो हिंदू दोपहर 3 बजे के करीब नेशनल प्रेस क्लब के सामने जमा हो गए और शाहबाग मूर्तिकार के पास मार्च (Hindu Protest In Bangladesh) करते हुए निकले. शाहबाग़ में हिन्दूओं की लाखों संख्या थी. रैली के दौरान हिंदू समुदाय ने चार सूत्रीय मांगे रखी है. जिनमें अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के लिए कानून और अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत सीट. रैली में एक ने कहा, ‘हम इसी देश में पैदा हुए हैं. यह देश सभी का है. हिंदू देश नहीं छोड़ेंगे. यह हमारा जन्मस्थान भी है. हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे. ये किसी के बाप का देश नहीं है.
ढाका शहर में जाकर हिंन्दूओं ने किया प्रदर्शन
उन्होंने आगे कहा, ‘भले ही मैं मर जाऊं, मैं अपनी जन्मभूमि नहीं छोड़ूंगा.’ रैली के अलावा मोनेर दयाल कार्यक्रम आयोजित किया गया. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई काउंसिल ने शुक्रवार को बताया कि बांग्लादेश के 64 जिलों में से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुआ है. अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती की 205 घटनाएं हुई हैं.
इस संगठन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को एक खुला पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि अल्पसंख्यकों में गहरी चिंता और अनिश्चयता है. बांग्लादेश से भारत आने वाले भारतीय लोग वहां हो रहे हिंदुओं के नरसंहार (Hindu Protest In Bangladesh) की बातें सुन हर हैरान हो रहे हैं.
बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंन्दूओं के साथ हुआ नरसंहार
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मीडिया के अनुसार बांग्लादेश में हजारों की संख्या में नरसंहार के खिलाफ हिंदू अब सुरक्षा (Hindu Protest In Bangladesh) की मांग को लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. हिन्दू धर्म के इस नरसंहार की भारत में निंदा की जा रही है. वाराणसी के हिन्दूओं ने भारत सरकार से बांग्लादेश में हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. इसके साथ ही बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय परिवारों को सुरक्षित भारत में लाने की मांग की है.
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