In-This-State-Of-India-Hindu-Can-Marry-Twice But This Condition Has To Be Fulfilled

Hindu can marry twice: मुस्लिम धर्म में एक व्यक्ति पत्नी को तलाक दिए बिना 5-6 शादियां कर सकता है लेकिन हिंदू मैरिज एक्ट के तहत एक हिंदू केवल एक ही शादी कर सकता है। हां अगर पहली पत्नी से तलाक हो जाए तब जाकर दूसरी शादी की जा सकती है। लेकिन अगर हम आपसे कहें की भारत में एक राज्य ऐसा भी है जहां हिंदू पहली पत्नी को तलाक दिए बिना भी दूसरी शादी कर सकता है। तो क्या आप मानेंगे? जी हां, आपको मानना ही होगा क्योंकि सचमुच भारत में एक ऐसा राज्य है जहां का कानून एक हिंदू व्यक्ति को कुछ शर्तों पर दूसरी शादी करने की इजाजत देता है।

इस राज्य में हिंदू कर सकता है दो शादियां

Hindu Can Marry Twice
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भारत में रहने वाले सभी हिंदुओं के लिए सरकार ने हिंदू मैरिज एक्ट बनाया हुआ है। जिसके तहत पहली पत्नी की मौत या तलाक के बाद ही हिंदू दूसरी शादी की जा सकती है लेकिन गोवा अकेला ऐसा राज्य है जहां पर एक हिंदू को दो शादियां (Hindu can marry twice) करने की छूट मिलती है। अब गोवा में ऐसा करने की छूट मिलती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि कोई भी हिंदू वहां जाएगा और दूसरी शादी कर लेगा। दरअसल सिर्फ गोवा के नागरिकों पर ही ये कानून लागू होता है। बाकि अगर आप सिर्फ गोवा में रह रहे हैं वहां पैदा नहीं हुए हैं तो आपको हिंदू मैरिज एक्ट का ही पालन करना होगा।

गोवा का सिविल कोड है अलग

Hindu Can Marry Twice
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गोवा में पुर्तगाली शासकों का राज था और 1867 में उन्होंने गोवा में पुर्तगाली सिविल कोड लागू कर दिया था। उस दौरान तक ब्रिटिश राज में भी कोई सिविल कोड नहीं बनाया गया था। लेकिन पुर्तगाल सरकार ने गोवा उपनिवेश के लिए ये कानून बनाकर इसे लागू भी कर दिया था। माना जाता है कि उस दौरान गोवा में केवल दो धर्मों के लोग थे एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम।

जिस कारण उस दौरान के सिविल कोड में इन दो धर्मों का ही जिक्र है और इनको लेकर ही कानून बनाए गए। उस समय तक हिंदुओं और मुस्लिमों में एक से ज्यादा शादियां करने का रिवाज था लेकिन जब भारत में हिंदुओं को हिंदू मैरिज एक्ट के अंदर लाया गया तो गोवा में रह रहे हिंदुओं को कुछ शर्तों पर एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने की छूट मिली।

गोवा में दूसरी शादी की शर्तें

Hindu Can Marry Twice
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जब गोवा पुर्तगाली शासकों से आजाद हुआ तो उस समय एकदम से राज्य के लिए एक नया सिविल कोड़ बनाना मुश्किल काम था जिसकी वजह से उन्होंने उस समय  नए राज्य में उसी सिविल कोड को अपना लिया जों पुर्तगाली शासन के तहत लगभग 93 सालों से चला आ रहा था। इस सिविल कोड़ में  हिंदुओं को कुछ शर्तों में एक से ज्यादा शादियां करने की अनुमति थी। इसमें दो शर्तें कुछ इस तरह हैं।

  • अगर 25 साल तक की उम्र में पहली पत्नी से कोई संतान नहीं होती है तो पति की दूसरी शादी भी वैध माना जाएगी।
  • 30 साल की उम्र तक अगर पहली पत्नी  से बेटे का जन्म नहीं होता है तो पति की दूसरी शादी भी वैध मानी जाएगी।