India-Has-Been-Divided-Into-Two-Parts-Due-To-The-Iran-Israel-War-Reactions-Of-Muslim-And-Hindu-Communities-Were-Seen-Differently

Iran: इजराइल और ईरान (Iran) के बीच युद्ध लगातार तेज होता जा रहा है. दोनों देश एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं. ईरान ने कहा है कि इजराइल के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 400 लोग मारे जा चुके हैं.

इस बीच ईरान से लोगों का निकलना जारी है. अब इजरायल और ईरान के बीच भीषण युद्ध छिड़ गया है और दुनिया दो भागों में बंटी नजर आ रही है. तो चलिए आगे जानते हैं मुस्लिम और हिन्दू समुदायों ने क्या प्रतिक्रियाएं दी?

दोनों देशों के साथ भारत के संबंध

Iran–Israel Conflict
Iran–Israel Conflict

ऊर्जा और सामरिक दृष्टि से भी ईरान (Iran) के साथ भारत के संबंध महत्वपूर्ण हैं. भारत ईरान से तेल आयात करता है और चाबहार बंदरगाह के विकास में सहयोग कर रहा है, जो अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है. यह भारत को अफ़गानिस्तान तक माल पहुँचाने के लिए पाकिस्तान को बायपास करने का एक महत्वपूर्ण मार्ग प्रदान करता है.

2015 में भारत और ईरान के बीच द्विपक्षीय समझौते के बाद से यह बंदरगाह चर्चा में रहा है. सरकार चाहे किसी भी हो, ईरान के साथ संबंध अच्छे रहे हैं. व्यापारिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के बीच भारत के संबंध मजबूत हैं।

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भारत के सामने ये तीन चुनौतियां

ईरान (Iran) -इज़रायल संघर्ष के बढ़ने से भारत के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं. सबसे पहले, ऊर्जा संकट – भारत ईरान से तेल आयात करता है और संघर्ष के कारण आपूर्ति में व्यवधान से ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है. दूसरा, संघर्ष के कारण व्यापार मार्गों में व्यवधान के कारण भारत की व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं.

तीसरा, कूटनीतिक संतुलन भारत के लिए दोनों देशों के साथ अपने संबंधों में संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. ऐसे में भारत ने बढ़ते टकराव पर चिंता जताई है और दोनों देशों से शांति की अपील की है।

मुस्लिम और हिंदू समुदायों की प्रतिक्रियाएं

ईरान (Iran) और इज़रायल संघर्ष ने भारत के लिए कूटनीतिक दुविधा पैदा कर दी है. भारत दोनों देशों के साथ अपने संबंधों में संतुलन बनाए रखते हुए शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास कर रहा है. वहीं इनदोनों देशो की लड़ाई के बीच हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई शुरू हो गई. सोशल मीडिया की एक पोस्ट पर यूज़र्स ने कमेंट करते हुए लिखा हिंदुस्तानी हिन्दू को खुलकर इजराइल का सपोर्ट करना चाहिए.

जब वह मजहब का वास्ता देकर ईरान,फिलिस्तान,यमन, लेबनान,तुर्की का साथ देते हैं तो हम इजराइल का खुलकर साथ देना चाहिए. वहीं दूसरे यूज़र्स ने लिखा हम सभी हिंदुस्तानी हैं चाहे वह किसी भी समुदाय से हो तो मुस्लिम क्यों यहाँ रहकर पाकिस्तान फिलिस्तान और अन्य मुस्लिम राष्ट्र की हित की बात करते हैं।

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