Pakistani Commandos

Pakistani Commandos: जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हमले की क्रूरता और निर्दोष नागरिकों को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाए गए थे। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस घटना के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों और उसकी सेना की विशेष कमांडो (Pakistani Commandos) इकाई स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का हाथ हो सकता है।

यह इकाई पहले भी कई बार आतंकी गतिविधियों और युद्ध अपराधों में शामिल रही है। ऐसे में जानते हैं आपको 1965 में हुए पाकिस्तानी सेना के असफल सैन्य अभियान के बारे में।

1965 में पाकिस्तानी कमांडो का हुआ बुरा हाल

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1965 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के इस SSG के सैकड़ों कमांडो (Pakistani Commandos) कश्मीर में कुत्तों की तरह मारे गए थे। 1965 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना से हारने लगी तो उसने एसएसजी कमांडो के जरिए कश्मीर में ऑपरेशन चलाने का फैसला किया, लेकिन उसकी यह योजना उल्टी पड़ गई।

1965 में पाकिस्तान ने “ऑपरेशन जिब्राल्टर” नाम से एक बड़ा ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन जिब्राल्टर की विफलता के बाद पाकिस्तान ने अपने एसएसजी कमांडो (Pakistani Commandos) को भारतीय वायुसेना के तीन बड़े एयरबेस पठानकोट, आदमपुर और हलवारा पर हमला करने के लिए भेजा था।

भारतीय सेना और ग्रामीणों ने दिया मुंहतोड़ जवाब

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7 सितंबर 1965 की रात को 180 पाकिस्तानी कमांडो (Pakistani Commandos) सी-130 हरक्यूलिस विमान से पैराशूट के जरिए भारत में दाखिल हुए। लेकिन खराब मौसम, तेज हवाओं और अंधेरे के कारण कमांडो बिखर गए और अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की बुरी तरह हार हुई। उतरने के बाद एसएसजी कमांडो दिशाहीन हो गए।

उनमें से 138 को भारतीय सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर युद्ध बंदी बना लिया। जबकि 22 कमांडो को ग्रामीणों ने लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला। ये ग्रामीण निहत्थे थे लेकिन उनका साहस और देशभक्ति इतनी प्रबल थी कि उन्होंने प्रशिक्षित कमांडो को भी परास्त कर दिया।

20 Pakistani Commandos ही सुरक्षित वापस लौट पाए

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180 कमांडो में से सिर्फ़ 20 ही ज़िंदा वापस पाकिस्तान (Pakistani Commandos) लौट पाए थे। उनमें से ज़्यादातर पठानकोट के नज़दीक उतरे थे और घने कोहरे का फ़ायदा उठाकर सीमा पार करने में सफल रहे। हलवारा में उतरे दो कमांडो जिनमें से एक कमांडर मेजर हुज़ूर हसनैन थे, ने एक स्थानीय जीप चालक का अपहरण कर लिया और उससे जीप छीन ली और किसी तरह पाकिस्तान पहुँचने में कामयाब हो गए।

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मेरा नाम यश शर्मा है। मूलतः मैं राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क़स्बे...