Indian-Soldier-Became-A-Traitor-Was-Sending-Indian-Intelligence-To-Pakistan-For-Just-Rs-3500
Indian soldier became a treacherous hawk

Indian soldier: इस कलियुग में लोग पैसों के लिए सारी हदें पार कर देते हैं, यहाँ तक कि वे पैसों के लिए अपना ईमान भी बेच देते हैं. लोगों को इतनी भी शर्म नहीं है कि वे सिर्फ़ अपने स्वार्थ के लिए कई लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं. ज्योति मल्होत्रा ​​और मोहम्मद एहसान जैसे कई लोग भारत में रहकर अपनी थाली में छेद करते हैं.

तो चलिए जानते हैं कि देश का ये भारतीय जवान (Indian soldier) कौन है जो देश की रक्षा करने की बजाय दुश्मन देश के साथ जासूसी कर रहा है.

Indian soldier निकला जासूस

Crpf Asi Moti Ram Jat Arrested For Spying
Crpf Asi Moti Ram Jat Arrested For Spying

मोतीराम जाट पाकिस्तान के खुफिया अफसरों को हर नई अपडेट देता था. चाहे गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हो या किसी बड़े अफसर का दौरा, भारतीय जवान (Indian soldier) हर बार पाकिस्तानी अफसर को जानकारी देता था. जिन पाकिस्तानियों के साथ जवान सूचनाएं साझा करता था और सबसे बड़ी बात यह है कि पहलगाम हमले से 5 दिन पहले ही मोतीराम का तबादला हुआ था.

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3500 रूपये के लिए बेचा ईमान

भारतीय जवान (Indian soldier) खुद को पाकिस्तान के एक बड़े न्यूज चैनल का पत्रकार बताया था. बदले में पाकिस्तानी एजेंट हर महीने की 4 तारीख को जवान को 3500 रुपए देते थे. यह सारा पैसा मोती राम और उसकी पत्नी के बैंक खाते में आता था. इसके अलावा महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए 12000 रुपए अतिरिक्त दिए जाते थे. पाकिस्तानी अधिकारियों ने हर सूचना के लिए दरें तय कर रखी थीं। उसी के अनुसार पैसे भेजे जाते थे। पैसे तभी दिए जाते थे जब सूचना समय पर और सही होती थी।

पहलगाम हमले में बड़ा हाथ

मोतीराम सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) के पद पर तैनात थे. मोतीराम को भारत की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को मुहैया कराने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने 26 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर 6 जून तक रिमांड पर भेज दिया गया.

पूछताछ में भारतीय जवान (Indian soldier) कई खुलासे किए। यह भी कहा जा रहा है कि जवान पहलगाम में तैनात था, जहां 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था. इस हमले से 5 दिन पहले ही जाट का तबादला हुआ था। यही वजह है कि अब पहलगाम हमले में उसकी संलिप्तता को लेकर जांच की जा रही है।

पहले से निशाने पर था जवान

जांच एजेंसियों की मानें तो जवान पहले से ही आईएसआई के निशाने पर था। यही वजह है कि उसे पैसों का लालच देकर जांच में फंसाया गया और कई गुप्त जानकारियां हासिल की गईं. फिलहाल एनआईए जवान के मोबाइल की तलाशी ले रही है. इसके साथ ही उसके करीबी दोस्तों और अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि इस पूरे जासूसी मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं।

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