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Indore News : मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore News) में एक दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां माता-पिता अपने बच्चों के लिए सब कुछ न्योछावर कर देते हैं। वहीं अब ऐसी खबर आई है जहां पर माता-पिता ने ही अपने हाथों से बच्चे की जान ली है। आप भी पूरा मामला जानकार चौंक जाएंगे।

3 साल की मासूम के काल बने उसके माता-पिता

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इंदौर (Indore News) में तीन साल की बच्ची को संथारा देने का मामला सामने आया है। बच्ची को एक साल पहले ब्रेन ट्यूमर का पता चला था। उसका मुंबई में इलाज चल रहा था। बच्ची के माता-पिता ने जैन मुनिश्री के सुझाव पर 21 मार्च को उसे संथारा दिया। धार्मिक प्रक्रिया पूरी होने के कुछ मिनट बाद ही बच्ची की मौत हो गई।

जैन समुदाय ने इसके लिए बच्ची के माता-पिता को सम्मानित किया है। दावा किया जा रहा है कि यह सबसे कम उम्र में लिया गया संथारा है। इस वजह से इसे ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ ने भी दर्ज किया है।

ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित तीन साल की बच्ची ने लिया संथारा

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बच्ची के माता-पिता पीयूष-वियाना जैन ने बताया कि वियाना उनकी इकलौती बेटी थी। उसका जन्म महज 3 साल 4 महीने और 1 दिन की उम्र में हुआ था। दरअसल पिछले साल उसके ब्रेन में ट्यूमर था। जिसके चलते पहले उसका इंदौर (Indore News) में इलाज चला।

फिर जनवरी में मुंबई में उसकी सर्जरी हुई लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। डेढ़ महीने पहले 21 मार्च को ऐसा हुआ कि उसे आध्यात्मिक संकल्प अभिग्रहधारी राजेश मुनि महाराज से मिलने इंदौर (Indore News) ले जाया गया।

संथारा लेने के 10 मिनट बाद ही हुई मौत

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वहां मुनिश्री ने बताया कि लड़की की हालत गंभीर है और संथारा की सलाह दी। चूंकि परिवार मुनिश्री का अनुयायी है और मुनिश्री इससे पहले 107 संथारा करवा चुके हैं। इसलिए पूरे परिवार की सहमति से संथारा प्रक्रिया शुरू की गई।

यह धार्मिक प्रक्रिया आधे घंटे तक चली और इसके 10 मिनट बाद ही वियाना की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इंदौर (Indore News) में जैन संत द्वारा संथारा की धार्मिक रस्में पूरी किए जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर उनकी बेटी की मौत हो गई।

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम हुआ शामिल

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गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने बेटी के नाम पर वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट जारी किया है। जिसमें उसे जैन रीति-रिवाज के अनुसार संथारा लेने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की व्यक्ति बताया गया है। वियाना अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।

उसकी मां वर्षा जैन ने कहा, “मैं शब्दों में यह नहीं बता सकती कि मेरी बेटी का संथारा लेने का फैसला हमारे परिवार के लिए कितना मुश्किल था। मेरी बेटी ब्रेन ट्यूमर के कारण काफी तकलीफ में थी। इसलिए संथारा लेना उसके लिए सुखद रहा।

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