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Bakrid : आज पूरे देशभर में बकरीद (Bakrid) का पर्व मनाया जा रहा है। इसे मुस्लिम समुदाय में बढ़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस पर्व में मुस्लिम समुदाय के लोग बकरों की बलि देते है और आज भी इस मौके पर देश में लाखों बकरों की कुर्बानी दी जाने वाली है।

इस मौके पर कुछ ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने बकरे तो खरीदे लेकिन उनकी कुर्बानी नहीं दी। अब इन बकरों को जीवन भर पाला जाएगा।

बकरीद पर बचाए गए 124 बकरे

Bakrid

पुरानी दिल्ली से एक मामला सामने आया जहां पर कुछ लोगों ने बकरीद (Bakrid) के मौके पर बकरे तो खरीदे लेकिन उनकी कुर्बानी नहीं दी। ये लोग मुस्लिम समुदाय से नहीं बल्कि जैन समुदाय से है। इन लोगों ने तय किया कि वे सभी बकरों को तो नहीं बचा सकते। लेकिन उन्हें ज्यादा से ज्यादा बकरों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।

इसलिए जैन समुदाय के लोगों का एक समूह मुसलमानों जैसा वेश धारण कर बकरा बाजारों में गया और खूब मोलभाव करते हुए 124 बकरे खरीदे। अब इन्हें एक जैन मंदिर में रखा गया।

जैन समुदाय के लोगों ने मुहीम के चलते बचाए बकरे

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यह घटना पिछले साल की है जो काफी चर्चा में आई थी और कई समुदाय के लोगों ने इसका समर्थन भी किया था। जियो और जीने दो के सिद्धांत से प्रेरणा लेते हुए विवेक जैन नामक व्यक्ति ने पिछले साल बकरीद (Bakrid) पर बकरों की जान बचाने का सोचा। विवेक ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने अपनी बचत से कुछ बकरों की जान बचाई थी। फिर इस काम के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया।

इसके संदेश दूसरे लोगों तक भी पहुंचे और कई जगहों से दान भी आने लगा। कुल मिलाकर विवेक की योजना के लिए 17 लाख रुपये जमा हो गए। पैसे तो अच्छे से जमा हो गए लेकिन अब सबसे जरूरी काम बकरे खरीदना था।

124 बकरे बचाकर उन्हें रखा जैन मंदिर में

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इस मुहीम के दौरान बकरीद (Bakrid) पर विवेक और उनके कुछ साथ अलग-अलग मंडियों में गए और मुस्लिम वेश धरकर वहां बकरों की खरीद की थी। इसके साथ ही उन्होंने करीब 124 बकरों की खरीद की और इसके लिए उन्होंने मुंह-माँगी रकम भी बेचने वालों को दी थी। फिर इन बकरों को जैन मंदिर में रखा गया था।

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