Kidnapped Child At The Age Of 7, Now Returned Home After 30 Years
kidnapped Child at the age of 7, now returned home after 30 years

Kidnapped child: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) में पुलिस ने 30 साल (Kidnapped child) पहले अपने परिवार से बिछड़े एक लड़के को उसके परिवार से मिलवाया। इतने सालों बाद अपने जवान बेटे को सही सलामत देखकर माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए। तीनों बहनों ने भाई से मिलते ही उसे गले लगा लिया। जिसने भी यह नजारा देखा वह भावुक हो गया। फिर लड़के ने अपनी पूरी कहानी बताई कि उसने इतने साल किन हालातों में गुजारे।

30 साल बाद लौटा बेटा

7 साल की उम्र में अगवा हुआ बच्चा, 30 साल बाद घर लौटा, देखकर मां-बहन की खुशी का नहीं रहा ठिकाना 

 

दरअसल ये बात है गाजियाबाद (Ghaziabad) के रहने वाले राजू की जो 30 साल बाद अपने परिवार से मिला है। उसने बताया कि जंजीरों में कैद होकर वह जिंदगी जीना भूल गया था। बचपन में उसका नाम पन्नू था लेकिन बिछड़ने के बाद राजू हो गया। इतने लंबे समय बाद उसने गुरुवार को पहली बार भरपेट खाना खाया। राजू के लौटने के बाद गाजियाबाद के शहीदनगर स्थित उसके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है।

रिश्तेदार और पड़ोसी आ रहे हैं। लोग इस कहानी को किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि यह भगवान की कृपा है की राजू 30 (Kidnapped child) साल बाद वापस आ गया है।

साल 1993 में हुआ था घर से गायब

Ghaziabad

राजू की मां ने बताया कि इतने साल बाद बेटे (Kidnapped child) ने पहली बार भरपेट खाना खाया है। उसे अगवा करने वाले लोग उसे सिर्फ एक रोटी देते थे। साहिबाबाद के शहीदनगर में तुलाराम अपने परिवार के साथ रहते हैं। मामला गाजियाबाद (Ghaziabad) में वर्ष 1993 का है। बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी तुलाराम का बेटा राजू 8 सितंबर 1993 को अपनी एक बहन के साथ स्कूल गया था। लेकिन लौटते समय उसे ऑटो गैंग ने अगवा कर लिया था। राजू तब महज 7 साल का था। परिवार के लोग उसकी तलाश करते रहे।

राजू ने सुनाए इतने सालों के कठिन समय के हाल

Ghaziabad

पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कराई गई। इसी दौरान उन्हें 7.40 लाख रुपये की फिरौती का पत्र मिला। लेकिन किसी ने उससे संपर्क नहीं किया। तब परिवार के लोगों ने मान लिया था की शायद उनका बेटा कभी वापस नहीं आएगा। लेकिन चार दिन पहले एक युवक साहिबाबाद थाने पहुंचा। उसके हाथ पर राजू (Kidnapped child) का टैटू बना हुआ था।

उसने गाजियाबाद (Ghaziabad) पुलिस को अपनी कहानी बताई। फिर पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद राजू को उसके परिवार से मिलवाया। राजू ने अपनी आपबीती सुनाई राजू को अपनी आंखों के सामने देखकर उसके माता-पिता और बहन भावुक हो गए। मानो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा हो।

किडनैपर ने किया था बुरा बर्ताव

Ghaziabad

राजू (Kidnapped child) ने बताया, ‘मुझे ट्रक ड्राइवर किडनैप करके राजस्थान के जैसलमेर ले गए। वहां उन्होंने मुझे एक व्यक्ति को सौंप दिया। उस व्यक्ति ने मुझसे भेड़-बकरियां चराईं। वह मुझे दिन में सिर्फ एक रोटी देता था। कई बार तो उसे दिन में सिर्फ चाय दी जाती थी।’ उसने बताया, ‘इस दौरान मैंने अपने परिवार वालों को ढूंढने की काफी कोशिश की।

लेकिन मुझे कोई सफलता नहीं मिली। फिर सालों बाद मैं किसी तरह खोड़ा थाने पहुंचा। मैंने उन्हें पूरी बात बताई। तब उन्होंने मेरी मदद की।’ परिवार वालों ने बताया कि उनके बेटे का नाम भीम सिंह उर्फ ​​राजू उर्फ ​​पन्नू है। बेटे को पाकर परिवार बेहद खुश है।

पुलिस कर रही पुरानी फाइल्स से जांच

 

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राजू (Kidnapped child) ने बताया की उसे एक झोपड़ी में रखा गया था। वहां बिजली नहीं थी। उसने लोगों के हाथों में मोबाइल फोन तो देखे हैं, लेकिन कभी इस्तेमाल नहीं किया। वह टीवी चलाना भी नहीं जानता। राजू कभी स्कूल नहीं गया। परिवार का कहना है की अब वे राजू को पढ़ाएंगे। उसे पढ़ना-लिखना सिखाएंगे। राजू के परिवार ने बताया कि उन्होंने 30 साल पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

इस पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। राजू के वापस आने के बाद पुलिस ने परिवार से उस केस की जानकारी ली। इसी आधार पर पुरानी फाइलें खंगाली जा रही हैं। गाजियाबाद (Ghaziabad) पुलिस का कहना है कि रिकॉर्ड मिलने के बाद केस की फिर से जांच की जाएगी।

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