Lakhpati Didi

Lakhpati Didi : ‘विकसित भारत’ थीम के तहत मनाए जाने वाले 78वें स्वतंत्रता दिवस पर विशिष्ट अतिथियों के एक समूह को 15 अगस्त के लिए दिल्ली के नए लाल किले में आमंत्रित किया गया है. जिसमें लखपति दीदी, सामुद्रिक ग्राम प्रधान और विभिन्न केंद्रीय व्यक्ति शामिल हैं. ये अतिथि सम्मिलित होंगे. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन दिल्ली में लाल किले पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण निर्माण मिशन की तीन दीदियों को भारत सरकार ने आमंत्रित किया है. मिशन से जुड़कर काम करने वाली तीन लखपति दीदी (Lakhpati Didi) और पांच ड्रोन दीदी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाली हैं.

यूपी से तीन लखपति दीदी को दिल्ली किया आमंत्रित

Lakhpati Didi

लखपति दीदी को लाल किले के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में दीदियों का उत्साहवर्धन किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर दीदियों के आने-जाने और रहने की व्यवस्था करने के लिए तीन अधिकारी नियुक्त किए गए. इस दिन के समारोह में इन दीदियों (Lakhpati Didi) का आगमन होना है. लखपति दीदियों (Lakhpati Didi) में राधा लक्ष्मी अयोध्या से, सीमा देवी वाराणसी से और राजश्री शुक्ल पक्ष से हैं.

लखपति दीदी के साथ ड्रोन दीदी को भी किया आमंत्रित

Lakhpati Didi

वहीं, ड्रोन दीदियों में सुनीता देवी, अंजना यादव, अल्पना रानी, हिना और आशा देवी वाराणसी से हैं. दीदियों को 13 अगस्त को दिल्ली पहुंचना है और 16 अगस्त को वापसी है. स्वतंत्रता दिवस समारोह में लखपति (Lakhpati Didi) बहन राजश्री शुक्ला को भी आमंत्रित किया गया है. वह 2020 में स्वयं सहायता समूह का हिस्सा बने. 2022 में उन्हें पता चला कि बिजली बिल जमा करने का काम भी इस ग्रुप के माध्यम से किया जा सकता है. उन्होंने बिजली बिल का कार्य प्रारंभ किया. अब वह आठ से दस के घर का बिल जमा करती हैं.

वाराणसी से सीमा को भी बुलाया गया दिल्ली

Lakhpati Didi

इससे 45 से 50 हजार रुपए की मासिक आय होती है. स्वतंत्रता दिवस समारोह में यूपी से आठ महिलाओं को आमंत्रित किया गया, जिनमें तीन लाखपति (Lakhpati Didi) और पांच ड्रोन दीदी शामिल हैं. कुछ दीदी खाद और औषधि आदि का सामान बनाती हैं और पैसे कमाती हैं. अंजना यादव (Lakhpati Didi) का कहना है कि वे इसी साल फरवरी में काम करना शुरू किया था. उनका कहना है कि पहले किसान उनके साथ काम करने को तैयार नहीं थे, लेकिन अब ज्यादा परेशानी नहीं है. उन्होंने इस वर्ष जनवरी में काम शुरू किया और अब तक 350 से अधिक एकड़ की फसल पर काम कर चुके हैं.

हर महीने अपने दम पर कमा रही हजारों रुपए

Lakhpati Didi

दोनों का कहना है कि उन्हें 300 रुपये प्रति एकड़ की दर से पैसे मिलते हैं. बता दें लखपति दीदी (Lakhpati Didi) योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और उद्यमिता के माध्यम से जोड़ना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिला, विशेष रूप से स्वयं सहायता ग्लोबल (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं को अपने में शामिल करने के लिए माइक्रो एंटरप्राइज शुरू करना है. लखपति दीदी (Lakhpati Didi) पहल का उद्देश्य पूरे भारत में दो करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करना है. प्रशिक्षण का उद्देश्य उन्हें प्रति परिवार कम से कम 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की आय अर्जित करने में सक्षम बनाना है.

यह भी पढ़ें : भारत के 5 सबसे पुराने कैफे, जो आजादी के पहले से ही भारत में हो चुके थे स्थापित, आज भी दिला देते है पुराने जमाने की याद