Gangaram: मुझे हर गुज़रते बाइक सवार में अपने बेटे का अक्स नज़र आता है. मैं इस चौराहे पर पूरी ज़िम्मेदारी से चौकन्ना रहता हूँ ताकि किसी और का बेटा हादसे का शिकार न हो. आँखों में आँसू लिए, बुज़ुर्ग गंगाराम (Gangaram) अपनी कहानी सुनाते हैं. अगर आप कभी हमेशा व्यस्त रहने वाले सीलमपुर चौक से गुज़रें, तो आपको एक 75 साल का बुज़ुर्ग ट्रैफ़िक पुलिस की ढीली वर्दी पहने, हाथ में डंडा लिए ट्रैफ़िक नियंत्रित करते हुए दिखाई देगा।
जानें पूरा मामला

गंगाराम (Gangaram) के एक इशारे से ही ट्रैफिक रुक जाता है और चल पड़ता है. यहाँ से गुजरने वाले ज़्यादातर ड्राइवर गंगाराम को अच्छी तरह जानते हैं. इस उम्र में भी उनका जुनून देखने लायक है. दरअसल, इसी चौक पर हुए एक हादसे ने बुजुर्ग गंगाराम के जवान बेटे को छीन लिया था.
अब उनकी कोशिश है कि किसी और का बेटा यहाँ हादसे का शिकार न हो. वे सुबह से रात तक यहां यातायात नियंत्रित करते हैं. उनके साहस को देखकर ट्रैफिक पुलिस अधिकारी भी जवानों को उनसे प्रेरणा लेने की सलाह देते हैं.
ट्रक ने मार दी टक्कर
View this post on Instagram
साहिबाबाद के एकता विहार में रहने वाले गंगा राम बताते हैं कि उनकी सीलमपुर के बी-ब्लॉक में टीवी रिपेयर की दुकान थी. लगभग आठ साल पहले, उनके बेटे मुकेश को सीलमपुर चौक पर एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. छह महीने तक अस्पताल ले जाने के बाद, उनके बेटे की मौत हो गई. इकलौते बेटे के सदमे में गंगाराम (Gangaram) की पत्नी ममता देवी भी गुजर गईं.
जज्बे के साथ किया काम
गंगाराम (Gangaram) ने बहू रमा देवी की एक निजी अस्पताल में नौकरी लगवाई. इसके बाद वे खुद सुबह आठ से रात साढ़े आठ बजे तक सीलमपुर चौक पर मुफ्त में सेवा देने लगे। किसी तरह उन्होंने दो पोतियों का विवाह किया। 17 वर्षीय पोता अभी पढ़ाई कर रहा है. इतना कुछ होने के बाद भी गंगाराम का हौसला कम नहीं हुआ है। वे मजबूत जज्बे के साथ अपने काम पर मुस्तैद हैं।
Ex CM केजरीवाल ने भी किया सम्मानित
गंगाराम (Gangaram) के त्याग और जज्बे को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गांधी नगर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया. इसके अलावा, उन्हें 15 अगस्त और 26 जनवरी पर आयोजित कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया और कई बार सम्मानित भी किया गया. गंगाराम बताते हैं कि एक बार ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त और डीसीपी ने चौक पर गाड़ी रोकी और उनके पास आए. संयुक्त आयुक्त ने अपनी टोपी उतारकर गंगा राम को पहनाई और उन्हें सलामी दी. गंगा राम ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई. गंगा राम के पास कई ट्रॉफियाँ और प्रशस्ति पत्र हैं।
Also Read…वनडे से भी रोहित-कोहली की विदाई तय? अब इन दो बल्लेबाजों के कंधों पर होगा टीम इंडिया का भार