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Swapnil Kusale : पेरिस ओलंपिक 2024 की शूटिंग में भारतीय खिलाड़ी बेहद शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक पेरिस में अभी तक कुल तीन पदक जीत चुके हैं. पुरुष 50 मीटर राइफल 3 में महाराष्ट्र के स्वप्निल कुसाले (Swapnil Kusale) ने 451.4 का स्कोर बनाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता. कल ही स्वप्निल ओलिंपिक के इतिहास में भारत की तरफ से इस इवेंट में मेडल जीतने वाले खिलाड़ी पहले बन गए हैं. इससे पहले ओलम्पिक में 50 मीटर राइफल 3 स्पैनिश में एक भी भारतीय पदक नहीं जीत पाया था. लेकिन स्वप्निल ने यह कारनामा करते हुए इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही उन्हें देशभर से शुभकामनाएं भी मिल रही है.

Swapnil Kusale ने 50 मी राइफल में जीता कांस्य पदक

Swapnil Kusale
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी स्वप्निल कुसाले (Swapnil Kusale) को उनकी जीत पर बधाई दी है. स्वप्निल कुसाले (स्वप्निल कुसाले) की इस सफलता से पूरा महाराष्ट्र जश्न मना रहा है. क्योंकि महाराष्ट्र के किसी व्यक्ति ने 72 साल से व्यक्तिगत रूप से ओलंपिक में कोई पदक नहीं जीता है. स्वप्निल से पहले 1952 में हेलसिंकी के उन्हाली ओलिंपिक में सागर के रहने वाले खाशाबा फ़्लोरिडा ने फ्री स्टाइल कुश्ती में पहलवानी का पदक जीता था. यही कारण है कि स्वप्निल की उपलब्धि पर आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनके परिवार से बात की, और बधाई दी. उन्होंने स्वप्निल कुसाले को एक करोड़ रुपए देने का ऐलान भी किया है.

शिंदे ने की स्वप्निल को 1 करोड़ देने की घोषणा

शिंदे ने बताया कि वे कुसाले (Swapnil Kusale) के पिता और कोच से बात की है. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार कुसाले के लिए एक करोड़ रुपए के पुरस्कार की घोषणा कर रही है. ओलंपिक से वापिस आने पर उनका जोरदार सम्मान भी किया जाएगा.’ उनकी इसी सफलता को देखते हुए सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर रामकरन यादव ने स्वप्निल को ओएसडी बनाने का ऐलान किया है. देश और रेलवे का नाम रोशन करने के कारण उन्हें टीसी के पद से प्रोमोट करके ‘ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी’ यानी ओएसडी बनाया जाएगा.
महाप्रबंधक रामकरण यादव ने कहा कि, ‘यह सेंट्रल रेलवे और उनके विभाग के लिए गर्व की बात है. इसलिए ये फैसला लिया गया है. वहीं स्वप्निल (Swapnil Kusale) ने जीत के बाद रेलवे की शोभा बढ़ाई. भारतीय रेलवे ने उन्हें 365 दिनों की छुट्टी दे दी है ताकि वो देश के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकें.’

रेलवे विभाग ने भी स्वप्निल को दिया विशेष पद

Swapnil Kusale
स्वप्निल कुसाले (Swapnil Kusale) पश्चिम महाराष्ट्र के ही कोल्हापुर जिले के सुपरमार्केटवाड़ी गांव के मूल निवासी हैं, लेकिन उनका जन्म छह अगस्त, 1995 को पुणे में हुआ था. उनके पिता और बड़े भाई किसान होने के साथ-साथ शिक्षक भी हैं. 28 वर्षीय स्वप्निल ने 2009 में महाराष्ट्र सरकार के खेल विकास कार्यक्रम क्रीड़ा प्रबोधिनी से अपने खेल की शुरुआत की थी. एक साल तक शारीरिक प्रशिक्षण के बाद उन्होंने अपना पसंदीदा खेल चुना. अपने पहले ओलंपिक टूर्नामेंट के लिए स्वप्निल कुसाले (Swapnil Kusale) को 12 साल का इंतजार करना पड़ा. जब स्वप्निल कुसाले से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शायद मैं तब मानसिक रूप से इतना मजबूत नहीं था.

12 साल के बाद स्वप्निल ने जीता पदक

Swapnil Kusale
28 साल के कुसाले ने 2009 में ग्रेडली की शुरुआत की और 2012 में इंटरनेशनल लेवल पर शुरुआत की. वह रियो ओलंपिक 2016 और टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाग लेने में असफल रहे थे. बताते चलें कि भारतीय स्वप्निल कुसाले ने फाइनल में 451.4 का स्कोर बनाया था. इसकी मदद से वो तीसरे नंबर पर रहें और कन्या पदक हासिल किया था. स्वप्निल (Swapnil Kusale) पहली बार ओलंपिक में भाग ले रहे थे और इसमें उन्होंने पहला मेडल जीता था.

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