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Man Alive After Death : ये सुनकर ही आश्चर्य होगी कि कोई व्यक्ति भला मरने के बाद कैसे जिंदा (Man Alive After Death) हो सकता है? हालाँकि इन दिनों ऐसे अजीबो-गरीब मामले सामने आए है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जिले झुंझुनू से आया है।

जहां पर डॉक्टर्स ने एक मरीज को मृत घोषित कर उसका पोस्टमार्टम भी कर दिया था। वहीं घरवालों ने उसे श्मशान ले जाने की भी तैयारी कर दी थी। लेकिन फिर अचानक वह मृत व्यक्ति जिंदा (Man Alive After Death) हो गया।

डॉक्टर्स ने व्यक्ति को मृत बताकर शव रखा डीप फ्रिज में

Man Alive After Death

यह अजीबोगरीब घटना 47 वर्षीय रोहिताश के साथ घटी थी। घटना लगभग तीन साल पुरानी है। जब रोहिताश बीमार हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित (Man Alive After Death) कर दिया था। इस पूरे मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि रोहिताश की मौत की पुष्टि खुद डॉक्टरों ने की और उन्हें मृत मानकर उनके शव को अस्पताल के मुर्दाघर में डीप फ्रिज में दो घंटे तक रखा गया।

श्मशाम में चिता पर लेटते ही चलने लगी सांसे

पुलिस के आने के बाद उनका पंचनामा और अन्य कानूनी कार्रवाई की गई। शाम करीब 4 बजे रोहिताश का शव माँ सेवा संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों को सौंप दिया गया। शाम करीब 5 बजे रोहिताश के शव को एम्बुलेंस में रखकर झुंझुनू के पंचदेव मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट ले जाया गया।

यहां जब रोहिताश के शव (Man Alive After Death) को चिता पर रखा गया तो उसकी सांसें चलने लगी और शरीर में हलचल होने लगी। यह देखकर वहां मौजूद लोग घबरा गए। इसके बाद तुरंत एम्बुलेंस बुलाई गई और रोहिताश को अस्पताल पहुंचाया गया।

सूचना मिलने पर प्रशासन में मचा हड़कम्प

Man Alive After Death

व्यक्ति के मृत होने के बाद जिन्दा (Man Alive After Death) होने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। जिला कलेक्टर ने तुरंत अधिकारियों को अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए थे और घटना की जानकारी जयपुर में विभाग के आला अधिकारियों को दी गई। इलाके के तहसीलदार महेंद्र मूंड, सामाजिक न्याय विभाग के उपनिदेशक पवन पूनिया भी अस्पताल पहुँचे।

मामले में डॉक्टर्स को किया गया निलंबित

Man Alive After Death

मामले (Man Alive After Death) की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल में पीएमओ डॉ. संदीप पचार की मौजूदगी में कई घंटों तक डॉक्टरों की बैठक चली। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर राम अवतार मीणा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पूरी रिपोर्ट तलब की है और एक जांच कमेटी भी गठित की है।

इसके साथ ही इस मामले में तीन डॉक्टर्स पर गाज गिरी थी। इतना ही नहीं उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया गया था।

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मेरा नाम यश शर्मा है। मूलतः मैं राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क़स्बे...